इन कारणों से कांग्रेस का 'ट्रंप कार्ड' साबित हो सकती हैं प्रियंका गांधी
क्या है खबर?
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को सक्रिय राजनीति के मैदान में उतार कर राजनीति में हलचल मचा दी है।
प्रियंका को पार्टी महासचिव की जिम्मेदारी दी गई है और वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का प्रभार देखेंगी।
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इस कदम को राहुल का ट्रंप कार्ड माना जा रहा है।
आइए जानते हैं कि प्रियंका के राजनीति में आने से लोकसभा चुनाव पर क्या असर पड़ेगा और कांग्रेस को क्या फायदा होगा?
व्यक्तिगत छवि
प्रियंका की मजबूत छवि
अपने भाई राहुल के विपरीत प्रियंका की छवि एक मजबूत शख्सियत की रही है।
प्रियंका की शारीरिक भाषा से लेकर उनके स्टाइल और बोलने के अंदाज से आत्मविश्वास झलकता है।
राहुल के विपरीत वह बिना लिखे भाषण देने और विरोधियों पर तीखे प्रहार के लिए भी जानी जाती हैं।
सभी इसका ट्रेलर 2014 चुनाव में अमेठी और रायबरेली में चुनाव प्रचार के दौरान देख चुके हैं। अब सबको उम्मीद है कि 2019 में प्रियंका पूरी फिल्म दिखाएंगी।
कांग्रेस कार्यकर्ता
प्रियंका के आने से कार्यकर्ताओं में भरेगा जोश
राजनीति में एक कथन है कि नेता भले ही कोई हो, अंत में चुनाव आपको कार्यकर्ता ही जिताते हैं।
कांग्रेस के कार्यकर्ता लगातार प्रियंका को राजनीति में लाने की मांग करते रहे हैं। उनके समर्थन में 'प्रियंका लाओ, कांग्रेस बचाओ' जैसे नारे लग चुके हैं।
राहुल ने चुनाव से पहले कार्यकर्ताओं की इस मांग को पूरा कर दिया है।
लगातार हार से निराश चल रहे कार्यकर्ताओं में यह ऐलान नया जोश भरेगा, जो कांग्रेस में नई जान फूंक सकता है।
इंदिरा से तुलना
प्रियंका की होती है इंदिरा गांधी से तुलना
राजनीति चेहरों का खेल है। जहां एक चेहरे के तौर पर राहुल अपनी खास पहचान बनाने में नाकाम रहे हैं, वहीं प्रियंका अपने साथ अपनी दादी इंदिरा गांधी की छवि लाती हैं।
प्रियंका के बोलने के अंदाज से लेकर उनके बाल और कपड़े पहनने का अंदाज, सब कुछ इंदिरा से मेल खाता है।
लोग उन्हें इंदिरा की असली वारिस भी मानते हैं।
प्रियंका की ये छवि चेहरों की राजनीति के दौर में कांग्रेस को एक आधार प्रदान कर सकती है।
राजनीतिक संदेश
पूर्वांचल मतलब सीधे मोदी और योगी से मुकाबला
प्रियंका को पूर्वी यूपी का अहम प्रभार दिया गया है, जिसका प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री मोदी और योगी आदित्यनाथ करते हैं। मोदी पूर्वी यूपी की वाराणसी सीट से सांसद हैं।
सपा-बसपा गठबंधन से बाहर होने के बीच प्रियंका को सीधे मोदी और योगी के मुकाबले उतार कर कांग्रेस संदेश देना चाहती है कि वह पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी।
पूर्वांचल को ब्राह्मणों का गढ़ माना जाता है। उनके सहारे पार्टी अपने पारंपरिक वोटबैंक को फिर से अपनी ओर खींचना चाहती है।