तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री बोेले- लड़कियां पायल पहनकर न आएं, लड़कों का ध्यान भटकता है
कुछ दिनों के अंतराल पर देश के किसी कोने से लड़कियों पर पाबंदी लगाने का कोई फरमान आ जाता है। कभी उन्हें स्कूल में जीन्स पहनकर जाने से रोका जाता है, कभी उनके मोबाइल रखने पर पाबंदी लगती है तो कभी उन्हें शाम को घर से बाहर नहीं निकलने की बात कही जाती है। अब ऐसा ही फरमान तमिलनाडु शिक्षा विभाग ने दिया है। राज्य के स्कूली शिक्षा विभाग ने स्कूली छात्राओं के पायल पहनने पर रोक लगा दी है।
राज्य के शिक्षा मंत्री ने दिया बयान
तमिलनाडु के स्कूली शिक्षा मंत्री के ए सेनगोट्टाईयन अपने विधानसभा क्षेत्र गोबीचेट्टीपाल्यम में एक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने गए थे। कार्यक्रम में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने यह विवादित बयान दिया। साथ ही राज्य के समाचार पत्रों में इस बारे में समाचार दिए गए हैं। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन विभाग ने कथित तौर पर लड़कियों के लिए ये दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।
मंत्रीजी बोले- पायल से लड़कों की पढ़ाई में व्यवधान
मंत्री ने बयान में कहा, "जब कोई अंगूठी पहनता है और बाद में उसके खो जाने की शिकायत करता है। इससे पीड़ित के मन में चुराने वाले के प्रति मानसिक कटुता पैदा हो जाती है।" मंत्री बोले, "जब पायल पहनी जाती है तो उसके घुंघरू की आवाज सुनाई देती है जिससे लड़कों की पढ़ाई में व्यवधान पैदा होता है और उनका ध्यान भटक जाता है। यद्यपि कोई लड़की बालों में फूल लगाती है तो इससे किसी को आपत्ति नहीं है।"
दिल्ली में छात्राओं का पिंजरा तोड़ मार्च
हालांकि ऐसा नहीं है कि केवल तमिलनाडु के स्कूलों में ही लड़कियों पर इस तरह की पाबंदियां लगाई गई हैं। पिछले महीने राजधानी दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज सहित कई कॉलेजों की लड़कियों ने उन पर लगाई पाबंदियों के खिलाफ मार्च निकाला था। सुरक्षा के नाम पर लड़कियों पर तरह-तरह की पाबंदी लगाने, उनके आने-जाने का समय देखने, उनके फैशन, पहनावे आदि पर पाबंदी लगाने के खिलाफ इन छात्राओं ने पिंजरा तोड़ मार्च निकाला था।