राजस्थान चुनाव: एक ही सीट से आमने-सामने हैं पति-पत्नी, वजह राजनीतिक रंजिश नहीं अगाध प्रेम
क्या है खबर?
एक ही परिवार के दो सदस्यों का एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने की कहानी भारतीय राजनीति में पहले भी कई बार हो चुकी है।
लेकिन ऐसा पहली बार हो रहा है, जब एक ही सीट से पति-पत्नी बिना किसी राजनीतिक रंजिश के एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हो।
भारतीय राजनीति का यह अनोखा उदाहरण राजस्थान से सामने आया जहां पति-पत्नी एक-दूसरे के खिलाफ अपना नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं।
आइये जानते है क्या है इसके पीछे की कहानी।
विवरण
पूर्वी बीकानेर सीट से चुनावी मैदान में दंपति
बतौर निर्दलीय उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल करने वाले स्वरूप चंद गहलोत के खिलाफ उनकी पत्नी मंजूलता गहलोत भी चुनावी मैदान में हैं।
बीकानेर पूर्वी के मतदाताओं के साथ-साथ यह जोड़ी पूरे राजस्थान में चर्चा का विषय बनी हुई है।
इस सीट पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है।
भाजपा की सिद्दि कुमारी पिछले दो विधानसभा चुनाव से यहां जीत रही है।
अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार के चुनाव में यहां का नतीजा क्या रहता है?
कारण
चुनाव लड़ने की वजह है बेहद दिलचस्प
गहलोत दंपति के चुनाव लड़ने की वजह बड़ी दिलचस्प है।
स्वरूप चंद गहलोत ने बताया कि वे 1988 से लगातार चुनाव लड़ रहे है। चुनाव प्रचार के दौरान जब भी क्षेत्र में निकलते है, तो पत्नी मंजूलता घर पर अकेली होती है।
गहलोत ने आगे बताया कि अकेले रहने के कारण मंजूलता का मन नहीं लगता। हमारी तीन बेटियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। हम दोनों ज्यादा समय तक साथ रहें, इस लिए चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
अगाध प्रेम
जीत नहीं एक-दूसरे के साथ खड़ा होना रखता है महत्व- मंजूलता
गहलोत दंपति ने अपनी चुनावी रणनीति पर बताया कि वह चुनाव में विकास और महिला सशक्तीकरण के मुद्दों पर लोगों से वोट मांगेंगे।
इसके अलावा किसानों की दयनीय हालत भी उनके एजेंडे में है। दोनों उम्मीदवारों का मानना है कि राज्य में किसानों की हालत ठीक नहीं है।
मंजूलता का कहना है, "हम एक-दूसरे का पूरा सहयोग करते हैं। हम दोनों में से कौन जीतेगा यह महत्व नहीं रखता है क्योंकि हम एक-दूसरे के साथ खड़े होंगे।"
जानकारी
सात दिसंबर को होने हैं चुनाव, 11 दिसंबर को आएगा परिणाम
200 विधानसभा सदस्यों वाले राजस्थान में विधानसभा चुनाव सात दिसंबर को होना है। जिसका परिणाम 11 दिसंबर को आएगा।
इस समय दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस चुनावी तैयारी में जुटे है।
बता दें कि राजस्थान में सरकार बनाने के लिए 101 सदस्यों के साथ की जरूरत पड़ती है।
चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में सत्तारूढ़ वसुंधरा राजे सरकार की हालत कमजोर बताई जा रही है।
राजस्थान की इन 200 सीटों के लिए अब-तक 3,295 उम्मीदवार अपना नामांकन करा चुके हैं।