मुंबई: राष्ट्रगान का अपमान करने के आरोप में कोर्ट का ममता बनर्जी को समन

मुंबई की एक कोर्ट ने कथित तौर पर राष्ट्रगान का अपमान करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को समन भेजा है। उनसे 2 मार्च को कोर्ट में पेश होने को कहा गया है। ममता पर दिसंबर, 2021 में मुंबई के दौरे के समय राष्ट्रगान का अपमान करने का आरोप है। आरोपों के अनुसार, जब एक कार्यक्रम में राष्ट्रगान बजाया गया तो ममता खड़ी नहीं हुईं। उन पर राष्ट्रगान के बीच में रुकने का भी आरोप है।
सुनवाई के दौरान मुंबई की मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने कहा कि शिकायत, शिकायतकर्ता के बयान, DVD की वीडियो क्लिप और यूट्यूब पर मौजूद वीडियो क्लिप्स से साफ है कि आरोपी (ममता) ने राष्ट्रगान गाया, अचानक रुकीं और मंच छोड़कर चली गईं। कोर्ट ने कहा कि ये सबूत साबित करते हैं कि आरोपी ने राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 3 के तहत दंडित अपमान किया है।
एक मौजूदा मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई के कानूनी पेचों से संबंधित सवालों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने कहा, "वैसे तो आरोपी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं, लेकिन (कार्यक्रम के दौरान) वे अपनी आधिकारिक ड्यूटी नहीं कर रही थीं। इसके कारण आरोपी का यह कार्य उनकी आधिकारिक ड्यूटी के अंतर्गत नहीं आता है। इसलिए (उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए) अनुमति की आवश्यकता नहीं है और उनके खिलाफ कार्रवाई करने पर कोई पाबंदी नहीं है।"
बता दें कि ममता के खिलाफ कोर्ट में ये शिकायत मुंबई भाजपा के पदाधिकारी विवेकानंद गुप्ता ने दर्ज कराई थी। दिसंबर, 2021 की अपनी इस शिकायत में उन्होंने ममता पर राष्ट्रगान के अपमान का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि ममता ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के 2015 के उस आदेश का उल्लंघन किया जिसमें कहा गया था कि जब भी राष्ट्रगान बजे तो दर्शकों को खड़ा होना पड़ेगा।
ममता बनर्जी ने दिसंबर के अपने मुंबई दौरे में महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेताओं से मुलाकात की थी। इस दौरान वे NCP प्रमुख शरद पवार से भी मिली थीं जो विपक्षी राजनीति के केंद्र में रहते हैं। ममता के इस दौरे को 2024 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष को एकजुट करने और कांगेस के बिना एक विपक्षी गठबंधन बनाने के प्रयास के तौर पर देखा गया था।