
सरकार ने लॉकडाउन से कोरोना वायरस की जगह अर्थव्यवस्था को धराशाही कर दिया- राजीव बजाज
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में लागू किए गए लॉकडाउन को लेकर बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने गुरुवार को बड़ा बयान दिया है।
कोरोना संकट पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ हुई बातचीत में बजाज ने कहा कि भारत की ओर से लागू किए गए सख्त लॉकडाउन ने कोरोना को तो खत्म नहीं किया, लेकिन देश की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह चौपट कर दिया है। यह बुरी स्थिति है।
उद्देश्य
लॉकडाउन से पूरा नहीं हो सकता सरकार का उद्देश्य
बजाज ने कहा कि कोरोना को लेकर उनका अनुभव कड़वा-मीठा रहा है। कुछ लोग जो समक्ष थे और अपनी जरूरतों की चीजें खरीद सकते थे वो अपने घरों में खुश रहे। वहीं दूसरी ओर अन्य लोगों की स्थिति बहुत खराब रही है। व्यापारियों का धंधा चौपट हो गया और लोग बेरोजगार हो गए। यह बाहर बुरा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने जिस उद्देश्य से लॉकडाउन लागू किया था वह पूरा नहीं हो सका।
बयान
बजाज ने स्थिति स्पष्ट नहीं करने पर जताया अफसोस
बजाज ने कहा कि लॉकडाउन की योजना के बारे में किसी ने स्थिति को स्पष्ट नहीं किया। गरीब और प्रभावित लोगों के डेटा और उनके लिए की जा रही तैयारियों को बेहतर तरीके से बताया जाना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि दुनिया में लॉकडाउन के विभिन्न तरीके थे, लेकिन भारत में सबसे सख्त लॉकडाउन लागू किया गया, लेकिन इसे सही तरह से लागू नहीं किया जा सका। यही कारण है कि देश में अब तेजी से संक्रमण बढ़ रहा है।
अनुसरण
भारत ने किया पश्चिमी देशों का अनुसरण
देश में लॉकडाउन के सख्त नियमों पर बजाज ने पूछा कि भारत ने इसके लिए इटली, फ्रांस और अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों का अनुसरण क्यों किया।
उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने जो कुछ भी कहा है, सरकार को उसकी ओर ज्यादा गंभीरता से ध्यान नहीं देना चाहिए था। सब जातने हैं कि कोई भी ऐसा मेडिकल ढांचा नहीं है जो इस महामारी से निपट सके।
उन्होंने भारत में लागू किए गए लॉकडाउन को 'ड्रैकोनियन' करार दिया है।
जानकारी
भारत को जापान की ओर देखना चाहिए था- बजाज
बजाज ने कहा कि सरकार को जापान या स्वीडन जैसे कदम उठाना चाहिए थे। ये देश हर्ड इम्यूनिटी की राह पर बढ़े। इसका मतलब है सैनिटाइजेशन, मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का सख्त पालन। दुर्भाग्य से भारत में यह सही तरह से लागू नहीं हो पाया।
मदद
सरकार को लोगों तक पहुंचानी चाहिए थी सीधी मदद
बजाज ने कहा कि सरकार ने लॉकडाउन के कारण चरमराई अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए 20 लाख करोड़ के भारी-भरकम पैकेज का ऐलान किया है।
उन्होंने इस पैकेज पर भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि दुनिया में सरकारों ने कोरोना से निपटने के लिए जितने पैकेज का ऐलान किया, उसका 2 तिहाई सीधे संगठनों और लोगों तक पहुंचा। भारत में सिर्फ 10 प्रतिशत तक ही लोगों तक पहुंचा। आखिर लोगों सीधी मदद क्यों नहीं पहुंचाई गई?
रिकवरी
रिकवरी होने में लगेगा लंबा समय- बजाज
बजाज ने कहा कि भारत जैसा बड़ा देश खुद को परेशानी से नहीं बचा सकता है। अब देश को खुद को परेशानी से बाहर निकलने के प्रयास करने होंगे।
उन्होंने देश में स्पष्ट संचार व्यवस्था नहीं होने पर कहा कि लोगों को कोरोना महामारी कैंसर जैसी लग रही है, जिससे उबर पाना असंभव सा है।
उन्होंने महसूस किया कि देश में रिकवरी की राह लंबी होगी। बता दें कि देश में एक जून से अनलॉक 1 लागू किया गया है।
जानकारी
लोगों के मन से डर निकालने की जरूरत: बजाज
उन्होंने कहा अब बड़ा काम है लोगों के मन से डर को निकालना। जब तक यह लोगों के मन में रहेगा स्थिति सामान्य नहीं होगी। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसको लेकर देश के नाम एक संदेश देना चाहिए कि अब आगे बढ़ना होगा।
विवरण
अब ब्राजील में भी होगी बजाज ऑटो की पहुंच
बजाज ने अपनी कंपनी के बारे में बात करते हुए कहा कि अब बजाज ऑटो ब्राजील में भी पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि डिमांड जेनरेशन की शुरुआत वैश्विक प्लेटफॉर्म पर होने से होती है आपको छह अलग-अलग खेल खेलने की जरूरत नहीं है। इसके लिए आपको एक ही चीज पर फोकस करना होता है।
इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि दुनिया में भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां लॉकडाउन में ढील दी जा रही है।
बयान
द्वितीय विश्व युद्ध दौरान भी लागू नहीं हुआ था लॉकडाउन- राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन प्रवासी मजदूरों के लिए एक बुरे सपने की तरह रहा है। इसके कारण वह अपने घर भी नहीं जा पा रहे थे।
उन्होंने कहा कि शायद द्वितीय विश्व युद्ध दौरान भी दुनिया को लॉकडाउन नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई राज्य स्तर पर होनी चाहिए थे। केंद्र सरकार अब इसकी ओर बढ़ गई है, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। इसके परिणाम खतरनाक हो सकते हैं।