महिला सैनिकों को मिलेगी अधिकारियों के बराबर छुट्टियां, रक्षा मंत्री ने प्रस्ताव को दी मंजूरी
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिवाली से पहले सेना में तैनात महिलाओं के लिए बड़ी घोषणा की है। उन्होंने भारतीय सेना के तीनों अंगों में तैनात महिला सैनिकों, नाविकों और वायु योद्धाओं के लिए उनके अधिकारी समकक्षों के बराबर मातृत्व, बाल देखभाल और बच्चे गोद लेने की छुट्टियों के नियमों के विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसका फायदा थलसेना, वायुसेना और नौसेना में काम करने वाली सभी महिलाओं को मिलेगा।
रक्षा मंत्रालय ने कहा- छुट्टी के नियमों में विस्तार से होगा महिला सैनिकों को लाभ
रक्षा मंत्री के कार्यालय ने एक्स पर लिखा, "यह निर्णय सशस्त्र बलों में सभी महिलाओं की समावेशी भागीदारी के रक्षा मंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप है, चाहे उनकी रैंक कुछ भी हो। छुट्टी नियमों के विस्तार से सशस्त्र बलों से संबंधित महिलाओं को पारिवारिक और सामाजिक मुद्दों से निपटने में काफी मदद मिलेगी।" ये नियम सेना में सभी महिलाओं को, चाहे वह अधिकारी हो या किसी अन्य रैंक की, सभी पर समान रुप से लागू होगा।
नारी शक्ति को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध- रक्षा मंत्रालय
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार नारी शक्ति को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। तीनों सेनाओं ने पहले ही महिलाओं को शामिल करने का निर्णय लेकर बदलाव की शुरुआत की। दरअसल, वर्ष 2019 से थल सेना में सैन्य पुलिस कोर में महिला सैनिकों की भर्ती शुरू हुई थी। इससे सशस्त्र बल देश की भूमि, समुद्र और हवाई सीमाओं की रक्षा हेतु महिला सैनिकों की बहादुरी, समर्पण और देशभक्ति से सशक्त होंगे।
सेना में महिला अधिकारियों के लिए छुट्टी के क्या प्रावधान हैं?
समाचार एजेंसी PTI को अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में महिला अधिकारियों को प्रत्येक बच्चे (अधिकतर 2) के लिए पूरे वेतन के साथ 180 दिनों का मातृत्व अवकाश मिलता है। महिला अधिकारियों को कुल सेवा के दौरान 360 दिनों की बाल देखभाल की छुट्टी दी जाती है। इसके अलावा 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चे को गोद लेने की वैध तिथि के बाद 180 दिनों की बाल गोद लेने की छुट्टी मिलती है।
सेना में महिलाओं की कितनी भागीदारी?
राज्यसभा में रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाईक ने तीनों सेनाओं में महिलाओं की भागीदारी की जानकारी दी थी। भारतीय नौसेना में 6.5 प्रतिशत महिलाएं हैं। थलसेना में 0.56% ही महिलाएं हैं। भारतीय वायुसेना में महिलाओं की भागीदारी थल सेना से 1 प्रतिशत अधिक है। अगस्त माह में सरकार ने जानकारी दी थी कि कुल मिलाकर तीनों सेनाओं में 11414 महिलाएं तैनात हैं। चिकित्सा, दंत चिकित्सा और नर्सिंग सेवाओं हटा दें तो कार्यरत महिला कर्मियों की संख्या 4,948 है।