युवाओं के विरोध के आगे झुकी सरकार, अग्निपथ योजना में किए पांच बड़े बदलाव
भारतीय सेना की तीनों कमानों में युवाओं की अल्पकालीन भर्ती के लिए केंद्र सरकार की ओर से लाई गई अग्निपथ योजना का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है। विरोध की आग देश के 13 राज्यों तक पहुंच चुकी है। प्रदर्शनकारियों ने बड़े पैमाने पर रेलवे और अन्य सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया है। इस बीच सरकार ने विरोध को शांत करने के लिए योजना में पांच बड़े बदलावों की घोषणा की है। आइये जानते हैं कौन-कौनसे बदलाव किए गए हैं।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इसमें युवाओं को सेना के नियमित कैडर में सेवा करने का मौका दिया जाएगा। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। इसके तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा।
CAPF और असम राइफल्स में अग्निवीरों को मिलेगा 10 प्रतिशत आरक्षण
युवाओं के बढ़ते विरोध के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को ऐलान किया है कि अग्निपथ योजना में चार साल की सेवा पूरी करने वाले अग्निवीरों को केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बल (CAPF) और असम राइफल्स में होने वाली भर्ती में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। इससे उन्हें योजना की सेवा पूरी करने के बाद सेना में स्थायी काडर नहीं मिलने पर इन बलों में नौकरी मिलने की संभावना पहले के मुकाबले काफी बढ़ जाएगी।
CAPF और असम राइफल्स की भर्ती में ऊपरी आयु सीमा में भी मिलेगी छूट
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अग्निवीरों के लिए CAPF और असम राइफल्स भर्ती में ऊपरी यानी अधिकतम आयु सीमा में तीन साल की छूट देने का भी ऐलान किया है। घोषणा के मुताबिक, अग्निवीरों को यह छूट सीमा सुरक्षा बल (BSF), केंद्रीय ओधौगिक सुरक्षा बल (CISF), इंडो-तिब्बत पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय सुरक्षा समूह (NSG) और विशेष सुरक्षा समहू (SPG) की भर्ती में मिलेगी। अग्निवीर 26 साल की उम्र में इन सेवाओं के लिए आवेदन कर सकेंगे।
रक्षा मंत्रालय की नौकरियों में भी 10 प्रतिशत आरक्षण का ऐलान
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को थल सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी के साथ बैठक कर योजना के अग्निवीरों को मंत्रालय और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का ऐलान किया है। यह आरक्षण भारतीय तटरक्षक बल और रक्षा नागरिक पदों और सभी 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में लागू किया जाएगा।
आरक्षण लागू करने के लिए भर्ती नियमों में किया जाएगा संशोधन
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए पहले के भर्ती नियमों में संशोधन किए जाएंगे। इसी तरह रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को भी भर्ती नियमों में जल्द से जल्द संशोधन के लिए कहा जाएगा।
अग्निवीरों के पहले बैच को आयु सीमा में पांच साल की छूट
इस तरह अग्निवीरों के पहले बैच के लिए ऊपरी यानी अधिकतम आयु सीमा 23 के जगह 28 साल रहेगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की यह घोषणा उन 75 प्रतिशत अग्निवीरों पर लागू होगी, जो योजना में पहली बार चार साल की सेवा पूरी करने के बाद स्थायी काडर हासिल नहीं कर पाएंगे। इससे चार साल बाद अग्निवीरों को सेना में दिए समय के कारण अन्य सेवाओं में उम्र संबंधी पाबंदी के कारण असफल नहीं होना पड़ेगा।
अग्निपथ योजना में भर्ती की आयु सीमा को दो साल बढ़ाया
इससे पहले योजना के लागू होने के 24 घंटों के भीतर सरकार को इसकी उम्र सीमा में बदलाव करना पड़ा था। दरअसल, शुरुआत में कहा गया था सेना में अधिकतम 21 साल तक के युवा ही भर्ती हो सकते हैं। योजना का ऐलान होने के साथ ही इसका विरोध शुरू हो गया और सरकार को दबाव में आकर उम्र सीमा को 21 से 23 करना पड़ा था। सरकार ने इसके पीछे दो सालों से रूकी भर्ती को कारण बताया था।
कई राज्यों ने की अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की घोषणाएं
उत्तराखंड, कर्नाटक और मध्य प्रदेश ने पुलिस भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने का ऐलान किया है, वहीं हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश, असम और उत्तर प्रदेश आदि राज्यों ने पुलिस समेत सभी नौकरियों में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की बात कही है। कई राज्यों ने अन्य योजनाओं में भी अग्निवीरों को प्राथमिकता देने का ऐलान किया है। ऐसे में अब अग्निवीरों के चार साल की सेवा के बाद अन्य नौकरी का रास्ता साफ होता दिख रहा है।