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असम: 300 फीट गहरी कोयला खदान में फंसे 9 मजदूर, कैसे चल रहा है बचाव अभियान?
असम में 300 फीट गहरी खदान में 9 मजदूर फंस गए हैं

असम: 300 फीट गहरी कोयला खदान में फंसे 9 मजदूर, कैसे चल रहा है बचाव अभियान?

लेखन आबिद खान
Jan 08, 2025
03:44 pm

क्या है खबर?

असम के दीमा हसाओ जिले के उमरंगसो में 300 फीट गहरी कोयला खदान में 9 मजदूर 2 दिनों से फंसे हुए हैं। आज (8 जनवरी) को एक मजदूर का शव बाहर निकाल लिया गया है। इसके बाद बाकी 8 मजदूरों की स्थिति को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। बचावकर्ताओं के सामने अब जल्द से जल्द मजदूरों को बाहर निकालने की चुनौती है। जानते हैं बचाव अभियान किस तरह चलाया जा रहा है।

टीमें

बचाव अभियान में कौन-कौन शामिल है?

भारतीय सेना, नौसेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), वायुसेना और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें बचाव अभियान में जुटी हैं। सेना ने गोताखोर, चिकित्सा कर्मचारी और आवश्यक उपकरण मुहैया कराए हैं। वायुसेना ने हेलीकॉप्टरों से पंप भेजे हैं। विशाखापट्टनम से नौसेना के विशेष गोताखोरों को भेजा गया है। नौसेना ने अंदर के हालात पता करने के लिए रिमोट संचालित वाहन (ROV) भी तैनात किए हैं। कोल इंडिया की एक टीम भी आज अभियान में शामिल हुई है।

चुनौतियां

अभियान में क्या-क्या चुनौतियां आ रही हैं?

खदान 300 फीट गहरी है और इसमें कई पतली-पतली सुरंगें हैं। आशंका जताई जा रही है कि पास की खदान में पानी भरने के बाद मजदूर इतनी ही गहराई में फंस गए हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी रिकी फुकन ने कहा, "उपलब्ध उपकरण पानी को तेजी से बाहर निकालने में मदद नहीं कर रहे हैं। वहां 200 फीट पानी है और उसे बाहर निकालने के लिए केवल एक ही मशीन काम कर रही है।"

मजदूर

फंसे हुए मजदूरों के बारे में क्या पता है?

फंसे हुए मजदूरों में एक-एक नेपाल और पश्चिम बंगाल और 7 असम के हैं। नेपाली मजदूर का नाम गंगा बहादुर श्रेठ और पश्चिम बंगाल के मजदूर का नाम संजीत सरकार है। असम के मजदूरों के नाम हुसैन अली, जाकिर हुसैन, सर्पा बर्मन, मुस्तफा शेख, खुसी मोहन राय, लिजान मगर और सरत गोयारी हैं। सभी की उम्र 26 से 51 साल के बीच बताई जा रही है। पुलिस ने खदान के मालिक पुनीश नुनिसा को गिरफ्तार कर लिया है।

शव

एक मजदूर का शव कैसे मिला?

एक गोताखोर ने स्थानीय समाचार चैनल को बताया, "हमने शव को नहीं देखा। अंदर पूरी तरह से अंधेरा था। हमने अपने हाथों से शव को महसूस किया और इस तरह हम उन्हें बचाने में सक्षम हुए।" मृतक की पहचान गंगा बहादुर श्रेष्ठो के तौर पर हुई है। बचावकर्मियों को 3 हेलमेट, कुछ चप्पलें और दूसरे सामान भी मिले हैं। आशंका जताई जा रही है कि 3 मजदूर मारे जा चुके हैं।

समय

कब तक चलेगा बचाव अभियान?

एसोसिएटेड प्रेस (AP) ने बचाव प्रयासों की निगरानी कर रहे असम के मंत्री कौशिक राय के हवाले से कहा, "सेना के गोताखोरों ने खदान से एक शव को बरामद कर लिया है। गोताखोर अपने खोज अभियान को जारी रखने के लिए फिर से खदान में जाएंगे।" NDRF के कमांडेंट एचपीएस कंधारी ने ANI से कहा, "यह कहना मुश्किल है कि अभियान में कितना समय लगेगा, क्योंकि हमें बताया गया है कि खदान में रेट माइनिंग वाले बिल हैं।"

मुख्यमंत्री

असम के मुख्यमंत्री ने क्या-क्या बताया?

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने आज सुबह एक बयान में कहा, "बचाव अभियान जोरों पर है। सेना और NDRF के गोताखोर खदान में उतर चुके हैं। नौसेना के जवान मौके पर हैं और उनके बाद गोता लगाने की अंतिम तैयारी कर रहे हैं। SDRF के डी-वाटरिंग पंप उमरंगशु से घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। ONGC के डी-वाटरिंग पंप को कुंभीग्राम में MI-17 हेलीकॉप्टर पर लोड किया गया है, जिसे मौसम संबंधी मंजूरी का इंतजार है।"

हादसा

कैसे फंसे मजदूर?

6 जनवरी को उमरांगसो में कोयला खदान में अचानक पानी भरने से अंदर काम कर रहे सभी मजदूर फंस गए थे। बताया जा रहा है कि खदान के अंदर से ही पानी का अचानक रिसाव हुआ, जिसके चलते मजदूरों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। शुरुआत में 12 मजदूर फंसे थे, लेकिन ग्रामीणों ने अपने स्तर पर 3 मजदूरों को बाहर निकाल लिया था। खदान का संचालन अवैध तरीके से किया जा रहा था।