भारतीय नौसेना फिर बनी 'संकट मोचक', अदन की खाड़ी में जहाज को ड्रोन हमले से बचाया
क्या है खबर?
अरब सागर में व्यापारिक जहाजों पर हो रहे हमलों के बाद से भारतीय नौसेना सतर्क है। अब अदन की खाड़ी में भारतीय नौसेना के जहाज ने मार्शल द्वीप के झंडे वाले जहाज को ड्रोन हमले से बचाया है।
इससे पहले भारतीय नौसेना ने लाइबेरिया के झंडे वाले समुद्री जहाज को अपहरण से बचाया था।
भारत ने हूती विद्रोहियों और समुद्री डाकुओं के दोहरे खतरे से निपटने के लिए अरब सागर में समुद्री कमांडोज के साथ कई युद्धपोत तैनात किए हैं।
हमला
INS विशाखापट्टनम के जरिए की गई मदद
नौसेना ने एक बयान में कहा, "अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी गश्त कर रहे INS विशाखापट्टनम ने ड्रोन हमले से लगी आग की घटना के बाद 18 जनवरी को 12:30 बजे जहाज को रोक कर उसकी सहायता की। मार्शल द्वीप के झंडे वाले जहाज एमवी जेनको पिकार्डी में सवार 22 लोग सुरक्षित हैं। इनमें से 9 भारतीय हैं।"
नौसेना ने बताया कि जहाज की जांच के बाद वह सुरक्षित अगले बंदरगाह की ओर बढ़ रहा है।
जानकारी
जहाज ने मांगी थी मदद
नौसेना के मुताबिक, जब यह हमला हुआ जहाज अदन की खाड़ी में यमन के अदन बंदरगाह से करीब 111 किलोमीटर दूर था। हमले के बाद जब जहाज ने मदद के लिए संकेत भेजा तब सूचना मिलते ही INS विशाखापट्टनम को मदद के लिए भेजा गया।
समुद्री
नौसेना ने समुद्री लुटेरों के चंगुल से भी छुड़ाया था जहाज
इससे पहले भारतीय नौसेना ने एक बड़े ऑपरेशन के तहत लाइबेरिया के झंडे वाले वाणिज्यिक जहाज एमवी लीला नॉरफोक को बचाया था। इसमें 15 भारतीयों सहित चालक दल के 21 सदस्य सवार थे।
इस जहाज का सोमालिया के पास से समुद्री डाकुओं ने अपहरण कर लिया था। इसके बाद जहाज का पता लगाने के लिए नौसेना ने INS-चेन्नई, समुद्री गश्ती विमान P-8I और अत्याधुनिक ड्रोन को तैनात किया था।
नौसैनिक कमांडो ने जहाज पर उतरकर इसे अपने कब्जे में लिया।
नौसेना प्रमुख
अरब सागर में तनाव पर नौसेना प्रमुख ने क्या कहा?
अरब सागर में तनाव पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आरहरि कुमार ने कहा, "हमने यह सुनिश्चित करने के लिए टीमें तैनात की हैं कि समुद्री क्षेत्र में हमारे राष्ट्रीय हितों को संरक्षित, सुरक्षित और आगे बढ़ाया जाए। हमारे 2 ऑपरेशन चल रहे हैं।"
बता दें कि अरब सागर की निगरानी के लिए IANS कोलकाता, IANS कोच्चि, IANS चेन्नई और IANS मोर्मुगाओ जैसे गाइडेड मिसाइल विध्वंसकों के साथ-साथ IANS तलवार और IANS तरकश जैसे बहुउद्देशीय युद्धपोत तैनात किए गए हैं।
उद्देश्य
अरब सागर में क्यों भारतीय नौसेना ने बढ़ाई उपस्थिति?
दरअसल, पूरी दुनिया का ध्यान लाल सागर और हूती विद्रोहियों पर है। समुद्री लुटेरों ने इसका फायदा उठाने के लिए अरब सागर में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं।
दोनों खतरों को देखते हुए भारत ने पिछले हफ्ते 10 से अधिक युद्धपोत तैनात किए हैं, जो उत्तर, मध्य अरब सागर से लेकर अदन की खाड़ी तक के इलाके की निगरानी कर रहे हैं।
इस तैनाती का उद्देश्य अरब सागर में स्थिति को स्थिर करना और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना है।