लखीमपुर खीरी में किसानों के रौंदने के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत मिली
लखीमपुर खीरी में किसानों को जीप से रौंदने के मामले में मुख्य आरोपी और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत मिल गई है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उन्हें गुरुवार को जमानत दी। मामले के तूल पकड़ने के बाद आशीष को 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था और वो तब से ही जेल में बंद थे। इस मामले में किसान संगठन और विपक्ष अजय मिश्रा का इस्तीफा भी मांग रहे हैं।
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हुई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई। मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसान मारे गए। बाद में भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया था।
SIT ने आशीष मिश्रा को बताया मुख्य आरोपी
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने पिछले महीने लगभग 5,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी और इसमें आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया गया था। चार्जशीट के अनुसार, घटना के समय आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद थे, जबकि उन्होंने घटनास्थल से दूर होने का दावा किया है। इससे पहले फॉरेंसिक रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई थी कि आशीष मिश्रा की लाइसेंसी राइफल से गोली चली थी।
राकेश टिकैत ने क्या प्रतिक्रिया दी?
आशीष मिश्रा को जमानत मिलने की खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए किसान नेता और आंदोलन का बड़ा चेहरा रहे राकेश टिकैत ने कहा कि वो भाजपा के खिलाफ इसे प्रचारित करेंगे। ABP न्यूज से बात करते हुए टिकैत ने कहा, "कोर्ट पर क्या कह सकते हैं, बेल दे दी। हमारा तो यह कहना है कि 302 के इतने गंभीर मामले में दूसरे लोगों को भी बेल मिली हो तो ठीक है, नहीं मिली हो तो देख लो।''
"यह केस किसानों का रहेगा"
टिकैत ने कहा कि किसानों के पास बड़े वकील नहीं हैं। इनके साथ (आशीष मिश्रा) के साथ सरकार और वकील खड़े हैं तो जमानत मिल गई होगी। अदालत तथ्य के आधार पर चलती है। यह केस हमेशा किसानों और देश का रहेगा।
घटना को सुनियोजित साजिश बता चुकी है SIT
मामले में दो FIR दर्ज की गई थीं, जिनमें से एक किसानों ने और एक भाजपा कार्यकर्ता ने दर्ज कराई। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट के रिटायर जज राकेश कुमार जैन की अध्यक्षता वाली SIT को दी गई थी। इस SIT ने कहा था कि किसानों पर सुनियोजित साजिश के तहत गाड़ी चढ़ाई गई थी। मामला राजनीति का केंद्र भी बना है और विपक्ष मंत्री का इस्तीफा मांग रहा है।
प्रधानमंत्री ने भी की टिप्पणी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बुधवार को लखीमपुर खीरी मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। समाचार एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट जो कमेटी बनाना चाहता था, राज्य सरकार ने उसे सहमति दे दी है। जिस जज के नेतृत्व में जांच चाहता था, उसे सरकार ने सहमति दे दी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ काम कर रही है तभी सुप्रीम कोर्ट की इच्छा के अनुसार सारे फैसले करती है।