लखीमपुर हिंसा: SIT ने दाखिल की 5,000 पेज की चार्जशीट, आशीष मिश्रा को बताया मुख्य आरोपी
क्या है खबर?
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे उत्तर प्रदेश पुलिस के विशेष जांच दल (SIT) ने आज मामले में लगभग 5,000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी।
एक स्थानीय कोर्ट में दाखिल की गई इस चार्जशीट में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बताया गया है।
अगर कोर्ट इस चार्जशीट को स्वीकार करता है तो मामले में उसके द्वारा तय की गई तारीख को सुनवाई शुरू हो सकेगी।
चार्जशीट
बड़े बक्से में कोर्ट लाई गई चार्जशीट
चार्जशीट को एक बड़े बक्से में लखीमपुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में लाया गया। बक्से पर दो ताले लगे हुए थे। वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एसपी यादव ने चार्जशीट दाखिल होने की पुष्टि की है।
SIT को हर हालत में जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करनी थी क्योंकि घटना को 90 दिन होने वाले थे। अगर वो ऐसा नहीं करती तो सभी आरोपियों को जमानत हासिल करने में बेहद आसानी होती।
रिपोर्ट
घटना के समय घटनास्थल पर ही मौजूद था आशीष- चार्जशीट
इंडिया टुडे के सूत्रों के अनुसार, चार्जशीट में आशीष मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया गया है। इसमें कहा गया है कि घटना के समय आशीष घटनास्थल पर ही मौजूद थे। आशीष घटनास्थल से दूर होने का दावा करता रहा है।
चार्जशीट में आशीष के एक संबंधी पर भी आरोप लगाए गए हैं, वहीं धीरेंद्र शुक्ला नामक एक शख्स पर सबूत छिपाने का आरोप लगाया गया है। घटना के समय उसकी SUV आशीष की कार के पीछे थी, उसने ये छिपाया।
नाराजगी
किसानों के वकील ने कहा- हम जांच से संतुष्ट नहीं
किसानों के वकील मोहम्मद अमान ने चार्जशीट से नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, "जब हमने FIR कराई थी, तब हमने शिकायत में अजय मिश्रा का नाम भी लिखाया था। लेकिन उनका नाम FIR में नहीं लिखा गया। हमने SIT से उनका नाम शामिल करने को कहा था, लेकिन उसने भी ऐसा नहीं किया। हमें नहीं लगता कि ठीक जांच हुई है। थार SUV मंत्री के नाम पर है, लेकिन उनका नाम नहीं है। हम जांच से संतुष्ट नहीं हैं।"
पृष्ठभूमि
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हुई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई।
मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसान मारे गए।
बाद में भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया था।
जांच
मामले में दर्ज हैं 2 FIR, घटना को सुनियोजित साजिश बता चुकी है SIT
मामले में दो FIR दर्ज की गई थीं, जिनमें से एक किसानों ने और एक भाजपा कार्यकर्ता ने दर्ज कराई। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामले की जांच हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट के रिटायर जज राकेश कुमार जैन की अध्यक्षता वाली SIT को दी गई थी।
इस SIT ने बीते दिनों कहा था कि किसानों पर सुनियोजित साजिश के तहत गाड़ी चढ़ाई गई थी।
मामला राजनीति का केंद्र भी बना है और विपक्ष मंत्री का इस्तीफा मांग रहा है।