लखीमपुर हिंसा: किसानों को टक्कर मारने वाली गाड़ी हमारी, लेकिन बेटा उसमें नहीं था- अजय मिश्रा
क्या है खबर?
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में किसानों की हत्या के मामले में सुर्खियों में आए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने स्वीकार किया है कि किसानों को टक्कर मारने वाली गाड़ी उनकी थी, लेकिन घटना के समय वो या उनका बेटा उसमें सवार नहीं था।
मिश्रा ने कहा कि उनका बेटा वारदात के समय किसी दूसरे कार्यक्रम का आयोजन कर रहा था और उनके पास इस कार्यक्रम के वीडियो और फोटो भी हैं।
इंटरव्यू
मिश्रा ने कहा- महिंद्रा थार हमारे नाम पर पंजीकृत
NDTV से बात करते हुए मिश्रा ने कहा, "पहले दिन से ही हम इस बारे में स्पष्ट हैं कि वह महिंद्रा थार हमारी है और हमारे नाम पर पंजीकृत है। वह गाड़ी कुछ कार्यकर्ताओं को उठाने के बाद किसी और को लेने जा रही थी। मेरा बेटा दूसरी जगह पर था। सुबह 11 बजे से शाम तक वह एक अन्य कार्यक्रम का आयोजन कर रहा था। मेरा बेटा उसमें था, वहां हजारों लोग थे। इसके फोटो और वीडियो भी हैं।"
बयान
मिश्रा ने कहा- हजारों लोग हलफनामा देने को तैयार
मिश्रा ने आगे कहा कि अगर उनके बेटे की कॉल रिकॉर्ड और लोकेशन सबकी जांच की जा सकती है और हजारों लोग इस बात का हलफनामा देने को तैयार हैं कि आशीष वहां (दूसरे कार्यक्रम में) था।
बयान
FIR में बेेटे का नाम होने पर ये बोले मिश्रा
पुलिस की FIR में बेटे आशीष का नाम होने पर मिश्रा ने कहा, "पुलिस ने उसका नाम FIR में शामिल नहीं किया था। शिकायत करने वाले लोगों द्वारा इसे जोड़ा गया। शिकायत में उसके नाम का जिक्र है। यह जांच का विषय है और जांच के बाद सब स्पष्ट हो जाएगा... हमारे पास सबूत हैं। घटनास्थल और कार्यक्रम स्थल के बीच 3-4 किलोमीटर का फासला है। मेरा बेटा लगातार कार्यक्रम स्थल पर था और वहां से कहीं नहीं गया।"
निशाना
ये किसानों के बीच छिपे हुए चरमपंथी- मिश्रा
किसानों पर निशाना साधते हुए मिश्रा ने कहा, "जहां तक वाहन की बात है तो मेरा ड्राइवर मारा गया, दो कार्यकर्ता भी मारे गए। एक कार्यकर्ता भाग निकला और तीन कार्यकर्ता घायल हुए। घटना के बाद गाड़ी वहीं रुक गई थी। बाद में गाड़ी को धक्का दिया गया और उसे और एक अन्य फॉर्च्यूनर को आग के हवाले कर दिया गया। ऐसे लोग किसान नहीं हो सकते। ये किसानों के बीच छिपे हुए चरमपंथी हैं।"
सफाई
मिश्रा ने दी किसानों को सबक सिखाने वाले बयान पर सफाई
किसानों को चेतावनी देने वाले अपने पुराने वीडियो पर सफाई देते हुए मिश्रा ने कहा कि उनकी टिप्पणी को गलत समझा गया। उन्होंने कहा, "यदि आप पूरे भाषण को देखें तो यह किसानों के सामने दिया गया था... इसमें मैंने रात में पोस्टर फाड़ने वालों के बारे में बात की थी। यह कहा गया था कि ऐसे लोग किसान नहीं हो सकते जिन्होंने एक किसान सम्मेलन से पहले भारत माता, प्रधानमंत्री और हमारे होर्डिंग फाड़े। ये उपद्रवी और हिंसक हैं।"
पृष्ठभूमि
लखीमपुर खीरी में आखिर क्या हुआ था?
लखीमपुर खीरी में रविवार को अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हो गई थी जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल नौ लोगों की मौत हुई।
मिश्रा एक कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी के तिकुनिया स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी जिसमें चार किसान मारे गए।
कुछ किसानों पर पीट-पीट कर तीन भाजपा कार्यकर्ताओं और एक ड्राइवर को मारने का आरोप है। एक पत्रकार भी मारा गया है।