लखीमपुर खीरी हिंसा: योगी आदित्यनाथ बोले- बिना सबूत जबरन नहीं होगी किसी की गिरफ्तारी
क्या है खबर?
लखीमपुर खीरी हिंसा के बाद से उत्तर प्रदेश सरकार पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी फटकार लगाते हुए कहा कि वो राज्य सरकार के कदमों से संतुष्ट नहीं हैं।
इसी बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि हिंसा को दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन बिना सबूत सिर्फ आरोपों के आधार पर किसी की गिरफ्तारी नहीं होगी।
उन्होंने लखीमपुर खीरी की घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
पृष्ठभूमि
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
लखीमपुर खीरी में रविवार को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हो गई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई।
मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसान मारे गए।
बाद में भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया है।
बयान
योगी बोले- दबाव में नहीं होगी कार्रवाई
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। कानून सबके लिए बराबर है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के नियम हैं कि गिरफ्तारी के पहले आपके पास पर्याप्त सबूत होने चाहिए।
उन्होंने कहा, "हम किसी के दबाव में किसी को गिरफ्तार नहीं करेंगे, लेकिन दोषी होगा तो छोड़ेंगे भी नहीं चाहे वो कोई भी हो। अन्याय किसी के साथ नहीं होगा और कानून हाथ में लेने की छूट किसी को नहीं होगी।"
लखीमपुर खीरी हिंसा
"जांच के लिए बनाया गया न्यायिक आयोग और SIT"
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बताया कि जांच के लिए पुलिस की ओर से एक विशेष जांच टीम (SIT) बनाई गई है और एक न्यायिक आयोग का गठन किया गया है। न्यायिक आयोग कारणों की छानबीन करेगा, जबकि उच्च अधिकारियों वाली SIT पूरी मामले की तह तक जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिनके वीडियो सामने आ रहे हैं और हिंसा में शामिल होने की पुष्टि हो चुकी है, उनकी गिरफ्तारी शुरू हो गई है।
हमला
विपक्ष पर साधा निशाना
हिंसा पीड़ितों के घर जा रहे विपक्षी नेताओं पर हमला बोलते हुए योगी ने कहा कि ये सद्भावना के दूत नहीं हैं और इनका काम नकारात्मकता फैलाना है।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के समय जब हर व्यक्ति जीवन और जीविका की लड़ाई लड़ रहा था, तब केवल केंद्र और राज्य सरकार ही उनके साथ खड़ी थी। तब विपक्षी दल या उनके नेता कहीं नहीं थे। अब अचानक से इनकी नींद खुली है।
लखीमपुर खीरी हिंसा
अल्पसंख्यक आयोग ने मांगी रिपोर्ट
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने लखीमपुर खीरी हिंसा का स्वत: संज्ञान लिया है।
आयोग के प्रमुख सरदार इकबाल सिंह लालपुरा ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर तीन दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
सिंह ने हिंसा में घायल हुए किसान नेता तेजिंदर सिंह विर्क और उनके परिवार से भी मुलाकात की थी। उन्होंने कहा कि हर पक्ष की तरफ से रिपोर्ट आने के बाद ही वो इस मामले पर टिप्पणी कर सकेंगे।
पेशी
आशीष मिश्रा के पास पेश होने के लिए 11 बजे तक का समय
हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा के पास पुलिस के सामने पेश होने के लिए आज 11 बजे तक का समय है।
आशीष केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे हैं और उन पर आरोप है कि उनकी गाड़ी से कुचले जाने के बाद किसानों की मौत हुई थी।
पहले उन्हें शुक्रवार सुबह 10 बजे तक पेश होना था, लेकिन वो पुलिस के सामने पेश नहीं हुए, जिसके बाद उन्हें आज 11 बजे तक का समय दिया गया है।