लखीमपुर खीरी हिंसा: SIT ने कहा- सुनियोजित साजिश के तहत किसानों पर चढ़ाई गई गाड़ी
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच कर रहे विशेष जांच दल (SIT) ने कहा है कि किसानों पर सुनियोजित साजिश के तहत गाड़ी चढ़ाई गई थी। SIT ने जज से मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा के खिलाफ तय किए गए आरोपों को संशोधित करने का अनुरोेध भी किया है। हत्या और साजिश के आरोपों का सामना कर रहे मिश्रा के खिलाफ हत्या की कोशिश समेत अन्य आरोप तय करने को भी कहा गया है।
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था?
लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के दौरे के समय हिंसा हुई थी, जिसमें चार आंदोलनकारी किसानों समेत कुल आठ लोगों की मौत हुई। मिश्रा कार्यक्रम के लिए लखीमपुर खीरी स्थित अपने पैतृक गांव पहुंचे थे। आरोप है कि लौटते वक्त मिश्रा के बेटे आशीष ने किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी, जिसमें चार किसान मारे गए। बाद में भीड़ ने दो भाजपा कार्यकर्ताओं और ड्राइवर को पीट-पीट कर मार दिया। एक पत्रकार भी मारा गया है।
मामले में दो FIR, जेल में बंद है आशीष मिश्रा
मामले में दो FIR दर्ज की गई हैं जिनमें से एक किसानों ने और एक भाजपा कार्यकर्ता ने दर्ज कराई है। किसानों ने अपनी FIR में कहा है कि आशीष ने बिना किसी उकसावे के शांतिपूर्ण तरीके से जा रहे किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी। आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है और वह जेल में बंद है। उसने खुद को निर्दोष बताया है और कहा है कि घटना के समय वह अपने पैतृक गांव में था।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित SIT कर रही है मामले की जांच
मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित SIT कर रही है। उत्तर प्रदेश पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए कोर्ट ने इस SIT का गठन किया था। हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट के रिटायर जज राकेश कुमार जैन इस SIT का नेतृत्व कर रहे हैं और इसमें वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एसबी शिरोडकर, दीपिंदर सिंह और पद्मजा चौहान को भी शामिल किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी एक न्यायिक आयोग का गठन किया है।
उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले घटना ने भाजपा के लिए खड़ी की मुसीबतें
इस पूरी घटना ने उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए मुसीबतें भी खड़ी की हैं जहां अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। विपक्ष आशीष के पिता अजय मिश्रा का इस्तीफा मांग रहा है, हालांकि मिश्रा कह चुके हैं कि इस्तीफे का सवाल ही पैदा नहीं होता। भाजपा को आशंका है कि इस घटना से उसे चुनाव में नुकसान हो सकता है। घटना को सुनियोजित साजिश बताने की SIT की यह रिपोर्ट पार्टी की मुसीबतों को और बढ़ा सकती है।