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असम के मुख्यमंत्री सरमा बोले- मां बनने की सही आयु 22 से 30 वर्ष के बीच
असम सरकार ने बाल विवाह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का ऐलान भी किया है

असम के मुख्यमंत्री सरमा बोले- मां बनने की सही आयु 22 से 30 वर्ष के बीच

Jan 28, 2023
06:50 pm

क्या है खबर?

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि महिलाओं को 22 वर्ष से 30 वर्ष की आयु के बीच मां बन जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को ठीक समय पर मां बन जाना चाहिए वरना उन्हें शारीरिक परेशानियां हो सकती हैं। सरमा ने आगे कहा कि उनकी सरकार राज्य में कम आयु में लड़कियों की शादी और कम आयु में मातृत्व को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।

बयान

मुख्यमंत्री सरमा ने मातृत्व को लेकर क्या कहा?

मुख्यमंत्री सरमा ने मातृत्व के बारे में बात करते हुए कहा, "महिलाओं को मां बनने के लिए बहुत ज्यादा इंतजार भी नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे शरीर में कई परेशानियां हो सकती हैं। मां बनने की सही आयु 22 साल से 30 साल के बीच की है। भगवान ने हमारे शरीर को इस तरह से बनाया है कि हर चीज का एक समय है।" उन्होंने आगे कहा कि जिन महिलाओं की शादी नहीं हुई है, उन्हें जल्दी कर लेनी चाहिए।

बयान

14 वर्ष से कम आयु की लड़कियों से शादी करने वाले होंगे गिरफ्तार- सरमा

सरमा ने कहा, "14 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों से शारीरिक संबंध बनाना अपराध है, फिर चाहे वह नाबालिग का पति ही क्यों ना हो। अगले पांच से छह महीने में ऐसा करने वाले हजारों पतियों को गिरफ्तार किया जा सकता है। एक लड़की की शादी करने की कानूनी उम्र 18 साल है और जो लोग नाबालिग लड़कियों से शादी करते हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।"

कार्रवाई

असम सरकार ने किया है कड़ी कार्रवाई का ऐलान

बता दें कि असम सरकार ने हाल ही में 14 वर्ष से कम आयु की लड़कियों से शादी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का ऐलान किया था। ऐसा करने वालों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) कानून के तहत केस दर्ज किया जाएगा। वहीं 14 से 18 वर्ष की आयु की लड़कियों से शादी करने वालों की बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत गिरफ्तारी भी की जाएगी।

आंकड़े

क्या कहते हैं आकंड़े?

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) में सामने आया था कि असम में 20 से 24 वर्ष की आयु की 31 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं, जिनकी शादी 18 साल की उम्र से पहले हो गई थी। 2019-20 में हुए इस सर्वे में राष्ट्रीय औसत लगभग 23 प्रतिशत पाई गई थी। इसके अलावा असम का नवीनतम आंकड़ा 2015-16 के NFHS-4 में दर्ज किए गए आंकड़े से एक प्रतिशत अधिक है।