अब अमृत उद्यान नाम से जाना जाएगा राष्ट्रपति भवन स्थित मुगल गार्डन
राष्ट्रपति भवन में स्थित मुगल गार्डन अब अमृत उद्यान के नाम से जाना जाएगा। राष्ट्रपति की उप प्रेस सचिव नाविका गुप्ता ने कहा कि आजादी के 75 साल के मौके पर देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसी मौके पर राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन के गार्डन्स को अमृत उद्यान नाम दिया है। राष्ट्रपति भवन के बाहर लगे मुगल गार्डन के बोर्ड को भी हटाकर उस पर अमृत उद्यान लिख दिया गया है।
1917 में सर एडविन लुटियन ने तैयार किया था डिजाइन
राष्ट्रपति भवन की वेबसाइट पर लिखा गया है कि यह उद्यान 15 एकड़ में फैला हुआ है और इसे राष्ट्रपति भवन की आत्मा के तौर पर देखा जाता है। इसे जम्मू-कश्मीर के मुगल गार्डन, ताजमहल के आसपास के उद्यानों और भारत और पर्सिया की पेंटिंग से प्रेरणा लेकर बनाया गया है। 1917 में सर एडविन लुटियन ने इसका डिजाइन तैयार कर दिया था और 1928-29 में इसमें पौधे लगाए गए थे।
उद्यान में मौजूद हैं गुलाब की 159 किस्में
आधिकारिक वेबसाइट पर लिखा गया है कि राष्ट्रपति भवन की तरह से ही अमृत उद्यान में दो शैलियों के वास्तुशिल्प का मिलाप किया गया है। सर एडविन लुटियन ने मुगल शैली और अंग्रेजी पुष्प उद्यान को उद्यानों के लिए एक साथ मिला दिया। यहां गुलाब की 159 किस्में मौजूद हैं और फरवरी-मार्च में इनकी सुंदरता अपने चरम पर होती है। इन गुलाबों के नाम मदर टेरेसा और क्वीन एलिजाबेथ जैसी प्रसिद्ध हस्तियों के नाम पर रखे गए हैं।
अमृत उद्यान में मौजूद हैं ये फूल
दिल्ली स्थित अमृत उद्यान में अडोरा, मृणालिनी, ताजमहल, एफिल टावर, मॉडर्न आर्ट, सेंटिमेंटल, ओक्लाहोमा (काला गुलाब), बेलामी, ब्लैक लेडी, पैराडाइज, ब्लू मून और लेडी एक्स शामिल हैं। इनके अलावा यहां ट्यूलिप, एशियाटिक लिलि, डेफोडिल, ह्यासिंथ और अन्य मौसमीय फूल भी हैं। बोगनवेलिया की 101 जानी मानी किस्मों में से 60 उगाई जाती हैं। यहां वृक्षों, झाड़ियों और लताओं की तकरीबन 50 किस्में हैं, जिनमें मौलश्री वृक्ष, गोल्डन रेन वृक्ष, फूल युक्त टॉर्च वृक्ष आदि प्रमुख हैं।
पौधों के पास लगाए हैं QR कोड
जागरण के अनुसार, इस बार अमृत उद्यान 31 जनवरी से 26 मार्च तक आम लोगों के लिए खुला रहेगा। यह सुबह 10 बजे खुलेगा और शाम को 4 बजे बंद होगा। सुबह के शुरुआती दो घंटों में 7,500 लोगों को टिकट दिया जाएगा और 12-4 बजे के बीच 10,000 लोगों को प्रवेश मिलेगा। इस साल पौधों के पास QR कोड भी लगाए गए हैं, जिन्हें स्कैन कर लोग पौधों के बारे में जानकारी ले सकेंगे।
गाइड भी रहेंगे मौजूद
इस बार अमृत उद्यान की जानकारी देने के लिए यहां गाइड भी मिलेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रोजाना 20 पेशेवर लोग यहां पौधों और फूलों से जुड़ी जानकारी लोगों को देंगे। पिछले कुछ सालों में यहां गार्डन की संख्या भी बढ़ाई गई है।