असम: बाढ़ की स्थिति में थोड़ा सुधार, लेकिन 21 लाख अभी भी प्रभावित; 134 की मौत
असम में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है और सोमवार को सभी प्रभावित जिलों में जलस्तर में कमी हुई। इस राहत के बावजूद सोमवार को राज्य में दो बच्चों समेत कुल आठ लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसी के साथ बाढ़ में मरने वालों की कुल संख्या 134 हो गई है। आठ नई मौतों में से पांच मौतें अकेले कछार में हुईं, वहीं कामरूप मेट्रोपॉलिटन, मोरिगांव और नगांव में एक-एक मौत हुई।
22 जिलों में 21.52 लाख लोग अभी भी बाढ़ से प्रभावित
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, असम के 22 जिलों में 21.52 लाख से अधिक लोग अभी भी बाढ़ से प्रभावित हैं। पिछले एक-दो दिन में इस आंकड़े में गिरावट आई है, लेकिन 2,254 गांव अभी भी बाढ़ से जूझ रहे हैं। बारपेटा सबसे अधिक प्रभावित जिला है और यहां अभी लगभग 6.15 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इसके बाद नगांव का नंबर है जहां बाढ़ के कारण 5.13 लाख से अधिक लोगों को विस्थापित होना पड़ा है।
538 राहत शिविरों में 1.91 लाख लोगों ने ले रखी शरण
प्रभावित लोगों की मदद के लिए 18 जिलों में संबंधित जिला प्रशासनों ने 538 राहत शिविर स्थापित किए हैं। इनमें अभी 1.91 लाख लोगों ने शरण ले रखी है। 74,655 हेक्टेयर फसल क्षेत्र अभी भी बाढ़ में डूबा हुआ है। इसके अलावा संपत्ति और इंफ्रास्ट्रक्चर को भी भारी नुकसान हुआ है। बाढ़ के कारण सैकड़ों मकान, कई बांध, सड़कें, पुल और सिंचाई नहरें बह गई हैं और इनका फिर से निर्माण करना पड़ेगा।
सिलचर में स्थिति जस की तस, कई इलाके अभी भी जलमग्न
सबसे अधिक प्रभावित शहरों में शामिल सिलचर में स्थिति जस की तस बनी हुई है और इसके कई इलाके अभी भी जलमग्न हैं। सेना, वायुसेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और असम पुलिस के फायर और इमरजेंसी विभाग इलाके में राहत और बचाव अभियान चला रहे हैं। वायुसेना के हेलीकॉप्टर पूरी तरह से कटे इलाकों में हवा से खाने के पैकेट, पीने का पानी और अन्य आवश्यक सामग्री पहुंचा रहे हैं।
UAV से सर्वे कर तैयार किया जा रहा सिलचर का मैप
मानवरहित हवाई वाहनों (UAV) की मदद से सिलचर का सर्वे किया जा रहा है और बाढ़ से हुए नुकसान का पता लगाने के लिए एक मैप तैयार किया जा रहा है। सरकारी तंत्र ने सोमवार को बराक घाटी के जिलों और दीमा हसाओ जिले में संचार बहाली का भी जायजा लिया, ताकि बाढ़ और भूस्खलन से हुए नुकसान को तत्काल ठीक किया जा सके। इस बीच कोपिली नदी अभी भी नगांव जिले में खतरे से ऊपर बह रही है।
हरसंभव मदद का आश्वासन दे चुके हैं प्रधानमंत्री
बता दें कि असम में बाढ़ की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य सरकार को हरसंभव मदद का आश्वासन दे चुके हैं। वहीं मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने भी प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वे किया है।