असम: 14 साल से कम उम्र की लड़की से शादी करने पर होगा POCSO का केस
असम सरकार ने 14 वर्ष से कम आयु की लड़कियों से शादी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि ऐसा करने वालों के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) कानून के तहत केस दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा कि 14 से 18 वर्ष की आयु की लड़कियों से शादी करने वालों की बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत गिरफ्तारी भी की जाएगी।
असम में बढ़ी बाल विवाह की संख्या- सरमा
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि आंकड़ों के मुताबिक असम में एक लाख से ज्यादा लड़कियों की शादी उम्र से पहले कर दी गई। उन्होंने वर्ष 2019-20 में किए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि असम में बाल विवाह की संख्या बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि एक सर्वे में पता चला है कि राज्य में महज नौ साल की आयु में एक लड़की मां बनी है।
'पिछली सरकारों ने नहीं दिया बाल विवाह रोकने पर ध्यान'
सरमा ने कहा कि पिछली सरकारों ने राज्य में बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 पर ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण राज्य में शिशु मृत्यु दर और मातृ मृत्यु दर देश में सबसे अधिक बनी हुई है। उन्होंने कहा, "यह एक ऐतिहासिक भूल है और हम इसे सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। उम्मीद है कि अब से पांच साल में हम असम को बाल विवाह से पूरी तरह मुक्त कर देंगे।"
लड़की के माता-पिता के खिलाफ भी होगी कार्रवाई
सरमा ने बताया कि असम में 2,197 ग्राम पंचायतों के सचिवों को बाल विवाह निषेध अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाएगा। लड़की की आयु 14 वर्ष से कम होने पर POCSO अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जाएगा, जबकि लड़की की आयु 14 से 18 वर्ष के बीच होने पर बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के तहत केस दर्ज होगा। लड़की के माता-पिता और शादी करवाने वाले पंडित या निकाह पढ़ने वाले मौलवी के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
क्या कहते हैं आकंड़े?
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, NFHS-5 सर्वे में सामने आया था कि असम में 20 से 24 वर्ष की आयु की 31 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं, जिनकी शादी 18 साल की उम्र से पहले हो गई थी। 2019-20 में हुए इस सर्वे में राष्ट्रीय औसत लगभग 23 प्रतिशत पाई गई थी। इसके अलावा असम का नवीनतम आंकड़ा 2015-16 के NFHS-4 में दर्ज किए गए आंकड़े से एक प्रतिशत अधिक है।