विपक्षी नेताओं को उनके फोन हैक होने से संबंधित मैसेज मिलने का पूरा विवाद क्या है?
मंगलवार को विपक्ष के कई नेताओं ने केंद्र सरकार पर उसकी जासूसी करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि सरकार उनके मोबाइल फोन को हैक करने की कोशिश कर रही है, जिसे लेकर उन्हें एक चेतावनी संदेश मिला है। सरकार ने विपक्ष के आरोपों को खारिज किया है, लेकिन साथ ही मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं। आइए जानते हैं कि ये मामला क्या है और सरकार से लेकर विपक्ष ने इस पर क्या कहा।
कैसे हुई मामले की शुरुआत?
मंगलवार को विपक्ष के कई नेताओं को आईफोन बनाने वाली अमेरिकी कंपनी ऐपल का एक चेतावनी भरा मैसेज मिला, जिसमें सरकार प्रायोजित हमलवारों द्वारा उनके फोन को हैक करने की कोशिश करने की बात कही गई। विपक्षी नेताओं ने इस चेतावनी का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने उनका फोन हैक करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि सरकार अडाणी मुद्दे के कारण डरी हुई है और उनकी जासूसी कर रही है।
ऐपल के मैसेज में क्या कहा गया था?
ऐपल की चेतावनी में लिखा था, "आपको राज्य-प्रायोजित हमलावरों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है, जो आपकी ऐपल आईडी से जुड़े आईफोन को दूर से खतरे में डालने (हैक) की कोशिश कर रहे हैं। आप कौन हैं या आप क्या करते हैं, संभवतः इसके आधार पर आपको व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाया जा रहा है।" कंपनी ने आगे कहा कि हमलावर दूर से ही उनके फोन के संवेदनशील डाटा और कैमरा या माइक्रोफोन तक पहुंच सकते हैं।
किस-किस को मिला ऐपल से ये चेतावनी भरा मैसेज?
ऐपल की तरफ से जिन नेताओं को ये चेतावनी मिली है, उनमें तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, आम आदमी पार्टी (AAP) सांसद राघव चड्ढा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM) के महासचिव सीताराम येचुरी, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव शामिल हैं। राहुल गांधी के कुछ सहयोगियों को भी ये मैसेज मिला है। इसके अलावा पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन समेत कुछ पत्रकारों को भी ये चेतावनी मिली है।
सरकार ने विपक्ष के आरोपों पर क्या कहा?
केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी (IT) मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार इस मुद्दे को लेकर चिंतित है और विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने विपक्षी नेताओं और ऐपल से जांच में सहयोग करने को कहा। हालांकि, उन्होंने मोदी सरकार के उनकी जासूसी कराने के विपक्ष के आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को आरोप लगाने की आदत हो गई है और उन्हें देश का विकास रास नहीं आ रहा।
क्या सरकार की तरफ के किसी नेता को चेतावनी भरा मैसेज मिला है?
केंद्रीय IT राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दावा किया कि उनके साथी मंत्री पीयूष गोयल को भी ऐपल से फोन हैक होने से संबंधित चेतावनी का मैसेज मिला है। हालांकि, गोयल ने खुद ये जानकारी नहीं दी और न ही IT मंत्री वैष्णव ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसा कुछ कहा। चंद्रशेखर ने कहा कि ऐपल को मामले में स्पष्टीकरण देना होगा और बताना होगा कि इस चेतावनी मैसेज का क्या मतलब है।
मोदी सरकार पर पहले भी लग चुके हैं जासूसी के आरोप
केंद्र में सत्तारूढ़ नरेंद्र मोदी की सरकार पर पहले भी इजरायली सॉफ्टवेयर 'पेगासस' का इस्तेमाल कर राहुल गांधी समेत कई नेताओं और पत्रकारों की जासूसी करने के आरोप लग चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्ट्स में भी विपक्षी नेताओं के फोन पर पेगासस से हमले की बात कही गई थी। दिलचस्प बात ये है कि तब ये भी सामने आया था कि एंड्रॉयड फोन के मुकाबले ऐपल का आईफोन पेगासस के हमले का आसानी से शिकार होता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
पेगासस सबसे एडवांस्ड जासूसी सॉफ्टवेयर्स में से एक है, जिसे इजरायल की साइबर सिक्योरिटी कंपनी NSO ग्रुप ने तैयार किया। ये केवल फोन नंबर से फोन हैक कर सकता है। कंपनी केवल सरकारों को ही ये सॉफ्टवेयर बेचती है और 10 से ज्यादा देशों की सरकारें पेगासस का इस्तेमाल कर रही हैं। यह वैश्विक स्तर पर 2019 में तब सुर्खियों में आया था जब इसकी मदद से दुनियाभर में नेताओं, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी की बात सामने आई।