देश में खुलेंगे 23 नए सैनिक स्कूल, रक्षा मंत्री ने दी मंजूरी
क्या है खबर?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने देशभर में साझेदारी मोड में 23 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना को मंजूरी दी है।
इसके बाद सैनिक स्कूल सोसाइटी द्वारा साझेदारी मोड के तहत कार्यरत नए सैनिक स्कूलों की संख्या बढ़कर 42 हो गई है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार देशभर में राज्य सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों (NGO) और निजी स्कूलों के साथ साझेदारी के साथ 100 नए सैनिक स्कूलों की स्थापना कर रही है।
स्कूल
कैसे कार्य करेंगे नए सैनिक स्कूल?
ये नए सैनिक स्कूल संबंधित शिक्षा बोर्डों से संबद्धता के अलावा सैनिक स्कूल सोसाइटी के तहत कार्य करेंगे।
ये स्कूल सोसाइटी द्वारा निर्धारित साझेदारी मोड में नए सैनिक स्कूलों के लिए नियमों का पालन करेंगे। ये स्कूल अपने नियमित सहायक बोर्ड के पाठ्यक्रम के अलावा सैनिक स्कूल पैटर्न के हिसाब से छात्रों को शैक्षणिक पाठ्यक्रम भी प्रदान करेंगे।
इसके लिए सैनिक स्कूल सोसाइटी ने देश में स्थित 19 नए सैनिक स्कूलों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
योजना
जुलाई में रखी गई थी एक स्कूल की आधारशिला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जुलाई में गुजरात के मेहसाणा जिले के बोरियावी गांव में सहकारी समिति के सहयोग से बनाए जा रहे एक सैनिक स्कूल की आधारशिला रखी थी। इसे दूधसागर डेयरी द्वारा सार्वजनिक-निजी भागीदारी के आधार पर विकसित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा था कि पहले विकास की गति धीमी थी क्योंकि केवल केंद्र सरकार इस प्रक्रिया में शामिल थी, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने सहकारी समितियों, कॉर्पोरेट्स और NGO को भी इसमें शामिल किया है।
उद्देश्य
केंद्र सरकार ने 2021 में की थी घोषणा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और सशस्त्र बलों में शामिल होने के अवसर प्रदान करने के लिए साझेदारी मोड से 100 नए सैनिक स्कूल स्थापित करने का निर्णय लिया था।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-2022 के केंद्रीय बजट के भाषण में 100 सैनिक स्कूल स्थापित करने की घोषणा की थी।
स्कूल
न्यूजबाइट्स प्लस
सैनिक स्कूल रक्षा मंत्रालय के अधीन संगठन सैनिक स्कूल सोसाइटी के दायरे में चलते हैं।
वर्तमान में पूरे भारत में 33 सैनिक स्कूल हैं। ये संस्थान 1960 के दशक की शुरुआत में तत्कालीन रक्षा मंत्री वीके कृष्ण मेनन के एक नीतिगत निर्णय के बाद अस्तित्व में आए थे।
इन स्कूलों को विभिन्न श्रेणियों के तहत बुनियादी ढांचे, व्यय और छात्रवृत्ति के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों द्वारा वित्त पोषित किया जाता है।