महात्मा गांधी को 'पाकिस्तान का राष्ट्रपिता' कहने वाले अनिल सौमित्र IIMC में प्रोफेसर नियुक्त
महात्मा गांधी को "पाकिस्तान का राष्ट्रपिता" कह चुके अनिल कुमार सौमित्र को भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) में प्रोफेसर नियुक्त किया गया है। सौमित्र मध्य प्रदेश में भाजपा की मीडिया इकाई के प्रमुख भी रह चुके हैं और महात्मा गांधी पर उनके इसी विवादित बयान के कारण उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया गया था। ऐसे विवादित शख्स की देश के दिग्गज मीडिया संस्थानों में गिने जाने वाले IIMC में नियुक्ति एक राजनीतिक विवाद का कारण बन सकती है।
महात्मा गांधी के बारे में क्या कहा था सौमित्र ने?
पिछले साल अपनी एक फेसबुक पोस्ट में सौमित्र ने लिखा था, 'महात्मा गांधी राष्ट्रपिता थे, लेकिन पाकिस्तान राष्ट्र के। भारत राष्ट्र में तो उनके जैसे करोड़ों पुत्र हुए, कुछ लायक तो कुछ नालायक। कांग्रेस ने उन्हें राष्ट्र का पिता बताया। राष्ट्र का कोई पिता नहीं होता, पुत्र होता है। चर्च में फादर होते हैं और कांग्रेस ने इसका हिंदी रूपांतरण करते हुए पिता कर दिया।' इसके बाद मई, 2019 में भाजपा ने उनकी स्थाई सदस्यता निलंबित कर दी थी।
2013 में भी एक पद से हटाए गए थे सौमित्र
इससे पहले 2013 में भी भाजपा ने सौमित्र को एक पद से हटा दिया था। तब मध्य प्रदेश भाजपा के मुखपत्र चैरेवेति के संपादक के तौर पर उन्होंने इसमें 'चर्च के नर्क में नन का जीवन' नामक एक लेख प्रकाशित किया था जिसमें कैथोलिक चर्चों में ननों के यौन उत्पीड़न पर बात की गई थी। इस लेख पर विवाद होने के बाद भाजपा ने उन्हें इस पद से हटा दिया था।
सौमित्र ने कहा था- RSS की पृष्ठभूमि और वैचारिक प्रतिबद्धता के कारण बनाया गया संपादक
संपादक के पद से बर्खास्तगी के बाद सौमित्र ने इंदौर से सांसद सुमित्रा महाजन को एक पत्र भी लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कहा था, "मेरे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार हुआ है। मेरी RSS की पृष्ठभूमि और वैचारिक प्रतिबद्धता के कारण मुझे संपादक बनाया गया था।" सौमित्र ने इस पत्र की कॉपी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत और भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और राजनाथ सिंह समेत तमाम बड़े RSS और भाजपा पदाधिकारियों के पास भी भेजी थी।
60 आवेदकों के ऊपर किया गया सौमित्र का चयन
अब ऐसी विवादित शख्सियत को IIMC में प्रोफेसर नियुक्त किया गया है। सौमित्र का चयन 60 से अधिक आवेदकों के इंटरव्यू के बाद किया गया है और उन्होंने सितंबर के पहले हफ्ते में इंटरव्यू दिया था। 20 अक्टूबर को IIMC की तरफ से उन्हें ऑफर लेटर भेजा गया और 26 अक्टूबर को वे प्रोफेसर के तौर पर संस्थान से जुड़ गए। उन्होंने दो साल के प्रोबेशन पर रखा गया है।
भाजपा पर लगते रहे हैं IIMC के भगवाकरण के आरोप
बता दें कि भाजपा पर IIMC का भगवाकरण करने के आरोप लगते रहे हैं और इससे पहले भी कई नियुक्तियों पर विवाद हुआ है। संस्थान के मौजूदा महानिदेशक संजय द्विवेदी की भी नियुक्ति पर भी विवाद हुआ था और उनकी भी पृष्ठभूमि RSS से है।