मध्य प्रदेश: 10 साल के बच्चे ने 30 सेकंड में बैंक से उड़ाए 10 लाख रुपये
मध्य प्रदेश के नीमच जिले के जावद इलाके में एक 10 साल के बालक द्वारा सहकारी बैंक से 10 लाख रुपये चुराने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। चौंकाने वाली बात यह है कि बालक ने चोरी की वारदात को सबसे व्यस्त समय में अंजाम दिया और इसके लिए उसे महज 30 सेकंड का समय लगा। इसकी भनक बैंक स्टॉफ और ग्राहकों को भी नहीं लगी। इस मामले का खुलासा CCTV फुटेज में बालक के दिखने पर हुआ है।
कैशियर के कमरे में प्रवेश कर दिया वारदात को अंजाम
TOI के अनुसार एक बच्चा सुबह 11 बजे सहकारी बैंक में दाखिल होता है और मौका पाकर एक कैशियर के कमरे में प्रवेश कर लेता है। वह काउंटर के सामने खड़े ग्राहकों को भी नहीं दिखाई देता है। उस बालक के छिपने के लिए वह काउंटर डेस्क ही पर्याप्त थी। इसके बाद वह महज 30 सेकंड में ही तेजी से नोटों की गड्डी को एक थैले में गिरा देता है और कैशियर रूम से बाहर निकल आता है।
बालक के बैंक से बाहर निकलते समय बज उठता है अलार्म
बच्चा जैसे ही चोरी करके बैंक से बाहर निकलने के लिए दौड़ता है तो बैंक का अलार्म बज उठता है। बैंक का गार्ड उसके पीछे दौड़ता है, लेकिन वह फरार हो जाता है। जानकारी के अनुसार लगभग 20 साल का कोई युवक बच्चे को निर्देश दे रहा था। यह युवक 30 मिनट तक बैंक में ही मौजूद था। कैशियर को कमरे से बाहर निकलता देख उसने बालक को वहां जाने का इशारा किया और बाद में दोनों फरार हो गए।
कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर की जा रही है पूछताछ
जावद पुलिस थानाप्रभारी ओपी मिश्रा ने बताया कि CCTV फुटेज के अनुसार वारदात के बाद आदमी और बालक अलग-अलग दिशाओं में भाग रहे थे। मिश्रा ने कहा कि कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। इलाके में सड़क किनारे स्टॉल लगाने वाले कुछ लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया है। निजी सुरक्षा गार्ड से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस का मानना है किसी गिरोह ने बैंक की रैकी करने के बाद वारदात को अंजाम दिया है।
बच्चों के अपराध कराने वाला गिरोह सक्रिय
नीमच के पुलिस अधीक्षक मनोज राय ने बताया कि फोरेंसिक विशेषज्ञों ने घटना स्थल से साक्ष्य जुटाएं हैं। उसके आधार पर आरोपियों की तलााश की जा रही है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में बच्चों की सहायता से अपराध करने वाला गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह 10-14 साल के बच्चों को गिरोह में शामिल कर प्रशिक्षण देते हैं। ये बच्चे अच्छी अंग्रेजी बोलते हैं और लोगों से भी घुम मिल जाते हैं। इससे इन पर आसानी से शक नहीं होता है।