सीमा विवाद: सर्वदलीय बैठक में न बुलाये जाने पर AAP, RJD और AIMIM ने जताई नाराजगी
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार शाम को चीन के साथ चल रहे तनाव को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और आम आदमी पार्टी (AAP) समेत कई विपक्षी दलों को इस बैठक में नहीं बुलाया गया है। हैदराबाद से सांसद असद्दुदीन ओवैसी की पार्टी AIMIM को भी बैठक से बाहर रखा गया है। इसे लेकर इन्होंने सरकार से नाराजगी जताई है। सूत्रों के मुताबिक, सासंदों की कम संख्या होने के कारण इन दलों को नहीं बुलाया गया है।
RJD ने पूछा मापदंड
बैठक में शामिल होने के लिए संदेश न मिलने पर RJD नेता तेजस्वी यादव ने रक्षा मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय से पूछा कि गलवान घाटी पर हो रही सर्वदलीय बैठक में राजनीतिक दलों को बुलाने या न बुलाने के क्या मापदंड है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी को इस संबंध में अभी तक कोई संदेश नहीं मिला है। पार्टी ने कहा कि 80 विधायक और पांच सांसद होने के बावजूद बैठक में न बुलाया जाना समझ से बाहर है।
ओवैसी बोले- सरकार को विपक्षी आवाज से कोई मतलब नहीं
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोरोना को लेकर अमित शाह की अध्यक्षता में हुई बैठक में उन्हें नहीं बुलाया गया था और अब चीन पर हो रही बैठक से भी बाहर रखा गया है। उन्होंने न्यूज18 से कहा, "मैं केंद्र से लगातार चीन पर सवाल पूछ रहा है, लेकिन वो हमें ऐसी बैठक से बाहर रख रहे हैं। मुझे लगता है कि उन्हें विपक्षी आवाज से कोई मतलब नहीं है।"
AAP ने सरकार को बताया अहंकारी
दिल्ली में सत्तारूढ़ AAP ने भी बैठक में न बुलाए जाने पर सवाल उठाए हैं। पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने ट्वीट किया, 'केन्द्र में एक अजीब अहंकार ग्रस्त सरकार चल रही है। आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार है, पंजाब में मुख्य विपक्षी पार्टी है, 4 सांसद हैं, देश भर में संगठन लेकिन किसी महत्वपूर्ण विषय पर भाजपा को AAP की राय नही चाहिये। कल की बैठक में प्रधानमंत्री जी क्या बोलेंगे पूरे देश को इंतजार है?'
बैठक में शामिल होंगे 17 पार्टियों के नेता
शुक्रवार शाम पांच बजे होने वाली इस बैठक में कम से कम 17 पार्टियों के नेता शामिल होंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह ने पार्टी प्रमुखों को फोन कर बैठक में शामिल होने के लिए बुलाया था।
इन नेताओं के शामिल होने की संभावना
इस सर्वदलीय बैठक में भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा, कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी, तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी, शिवसेना के उद्धव ठाकरे, DMK के एमके स्टालिन, AIADMK के इके पलानिस्वामी और ओ पन्नीरसेल्वम, TDP के एन चंद्रबाबू नायडू, YSR कांग्रेस के जगन मोहन रेड्डी, NCP के शरद पवार, JDU के नीतीश कुमार, सपा के अखिलेश यादव, CPI के डी राजा, CPM के सीताराम येचुरी, TRS के के चंद्रशेखर राव, अकाली दल के सुखबीर बादल, LJP के चिराग पासवन आदि भाग लेंगे।
विपक्षी पार्टियों ने सरकार से मांगा था जवाब
चीनी सेना के साथ हुई हिंसक झड़प में 20 जवानों की शहादत के बाद कई पार्टियों ने सरकार से ऐसी परिस्थितियां बनने की वजह पूछी थी, जिससे भारतीय सेना को नुकसान उठाना पड़ा। प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और गृह मंत्री इस पर बयान दे चुके हैं।
चीन सीमा पर लंबे समय से जारी है तनाव
लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा को लेकर भारत और चीन के बीच पिछले एक महीने से भी ज्यादा समय से विवाद चल रहा है। इसे सुलझाने के लिए कई स्तर की बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला है। 6 जून की बैठक में सैनिकों के पीछे हटने पर सहमति बनी थी। जब भारतीय सैनिक यह देखने गए तो चीनी सैनिकों ने उन्हें घेरकर उन पर हमला कर दिया। इसमें 20 जवान शहीद हुए थे।