कोवैक्सिन वैक्सीन: निर्माण से लेकर साइड इफेक्ट्स तक, वो हर बात जो आपको जाननी चाहिए
भारत में 16 जनवरी से कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन शुरू होने जा रहा है और इस अभियान के दौरान जिन दो वैक्सीनों को उपयोग किया जाएगा, उनमें एक भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' है। वैक्सीनेशन अभियान के लिए कोवैक्सिन की लाखों खुराकें देशभर के कई केंद्रों पर पहुंच गई हैं और शनिवार से इनका उपयोग शुरू हो जाएगा। आइए आपको निर्माण से लेकर इसके साइड इफेक्ट्स तक, कोवैक्सिन से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां देते हैं।
किसने किया है कोवैक्सिन को विकसित और ये कितनी प्रभावी?
भारत बायोटेक ने कोवैक्सिन को भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर विकसित किया है और ये पूरी तरह से स्वदेशी वैक्सीन है। इसे कोरोना वायरस को ही निष्क्रिय करके विकसित किया गया है। इसके लिए ICMR ने भारत बायोटेक को जिंदा वायरस प्रदान किया था, जिसे निष्क्रिय करके कंपनी ने वैक्सीन विकसित की। लगभग 26,000 लोगों पर वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल अभी जारी है और ये कितनी प्रभावी है ये पता नहीं लगा है।
वैक्सीन की कितनी खुराकें और किस उम्र के लोगों को दी जाएगी?
कोवैक्सिन दो खुराकों वाली वैक्सीन है, यानि ये दोनों खुराकों के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण के खिलाफ इम्युनिटी पैदा करती है। हर खुराक में 0.5ml वैक्सीन दी जाएगी और दोनों खुराकों के बीत चार हफ्ते का अंतराल होगा। वैक्सीन दोनों खुराकें दिए जाने के 14 दिन बाद असर दिखाना शुरू करेगी। भारत में वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिली है और अभी इसे 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही दिया जाएगा।
वैक्सीन लगवाने से पहले स्वास्थ्यकर्मियों को क्या बताना होगा?
इंट्रा-मस्कुलर इंजेक्शन के तौर पर दी जाने वाली कोवैक्सिन को लगवाने से पहले लोगों को स्वास्थ्यकर्मियों को बताना होगा कि उन्हें किसी भी दवा, खाद्य पदार्थ, वैक्सान या कोवैक्सिन में शामिल किसी सामग्री से एलर्जी तो नहीं है। बुखार, ब्लीडिंग डिसऑर्डर और इम्युनिटी से संबंधित किसी बीमारी से जूझ रहे लोगों को भी इसके बारे में स्वास्थ्यकर्मियों को सूचित करना होगा। कोरोना संक्रमितों और अस्पताल में भर्ती लोगों को ठीक होने के बाद वैक्सीन लगवाने की सलाह दी गई है।
किन लोगों को नहीं लगाई जाएगी वैक्सीन?
कोवैक्सिन में शामिल किसी सामग्री से गंभीर एलर्जी वाले लोगों और गर्भवती और स्तनपान करा रही महिलाओं को अभी के लिए कोवैक्सिन नहीं लगाई जाएगी। जो महिलाओं अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में निश्चित नहीं हैं, उन्हें भी ऐसा करने की सलाह दी गई है।
वैक्सीन के क्या साइड इफेक्ट हैं?
केंद्र सरकार के अनुसार, कोवैक्सिन लगवाने के बाद कुछ आम साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं। इनमें इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द, गर्मी, लालिमा, खुजली या सूजन, अस्वस्थ महसूस करना, थकावट, बुखार, सिरदर्द, सर्दी लगना और मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द आदि शामिल हैं। इसके अलावा कुछ लोगों में इंजेक्शन वाली जगह पर गांठ, उल्टी और गले में खराश और कफ जैसे फ्लू के लक्षण भी देखे जा सकते हैं।
क्या कोवैक्सिन लगवाना अनिवार्य है?
भारत में कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाना अनिवार्य नहीं है और आप चाहें तो कोवैक्सिन लगवाने से इनकार कर सकते हैं। हालांकि अभी के लिए लाभार्थियों को कोवैक्सिन और कोविशील्ड में से एक चुनने का विकल्प प्रदान नहीं किया जा रहा है और कोवैक्सिन लगवाने से इनकार करने पर लाभार्थियों को इसकी जगह कोविशील्ड लगाई जाएगी, ऐसा नहीं है। ऐसे में सभी व्यक्तियों को अपने स्वास्थ्य को देखते हुए अपने स्तर पर फैसला करना होगा।
क्या वैक्सीन लगवाने के लिए आपको कोई पैसा देना होगा?
अभी जिन भी लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी, उन्हें अपनी जेब से कोई पैसा नहीं देना है। दरअसल, वैक्सीनेशन के पहले चरण में स्वास्थ्यकर्मियों और महामारी में अग्रिम मोर्चे पर खड़े अन्य कर्मचारियों को वैक्सीन लगाई जा रही है और सरकार इन्हें मुफ्त में वैक्सीन लगवाएगी। सरकार ने इसके लिए भारत बायोटेक से 206 रुपये प्रति खुराक की कीमत पर 55 लाख खुराकें खरीदी हैं। कंपनी जुलाई-अगस्त तक 15 करोड़ खुराकें बनाने की योजना बना रही है।