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अहमदाबाद का सिविल अस्पताल कालकोठरी से भी बदतर- गुजरात हाई कोर्ट

अहमदाबाद का सिविल अस्पताल कालकोठरी से भी बदतर- गुजरात हाई कोर्ट

May 24, 2020
10:38 am

क्या है खबर?

गुजरात हाई कोर्ट ने कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई स्थिति से सही तरीके से न निपटने के लिए राज्य सरकार की खिंचाई है। साथ ही कोर्ट ने अहमदाबाद के सिविल अस्पताल की तुलना कालकोठरी से की है। कोर्ट ने कहा कि इसकी हालत कालकोठरी से भी बदतर है। बता दें, अहमदाबाद का सिविल अस्पताल राज्य में कोरोना संक्रमितों को समर्पित सबसे बड़ा अस्पताल है। राज्य में हुईं कुल मौतों में से लगभग आधी इसी अस्पताल में हुई हैं।

सुनवाई

कोर्ट ने राज्य सरकार को दिए कई सुझाव

गुजरात कोरोना वायरस के मामलों की संख्या में देशभर में तीसरे नंबर पर है। यहां अभी तक 829 लोगों की इस वायरस के कारण मौत हो चुकी है। इनमें से 370 से अधिक मौतें अकेले अहमदाबाद के इस अस्पताल में हुई है। कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन पर स्थिति का जनहित याचिका के रूप में स्वत: संज्ञान लेते हुए सुनवाई के दौरान जस्टिस जेबी परदीवाला जस्टिस आई जे वोरा ने सरकार को कई सुझाव दिए।

सुनवाई

अस्पताल को लेकर कोर्ट ने कही यह बात

स्थिति की डूबते हुए जहाज से तुलना करते हुए बेंच ने कहा, "यह देखना दुखद और दर्दनाक है कि आज की तारीख में सिविल अस्पताल की दशा दयनीय है। हमे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि यह अस्पताल बदतर स्थिति में हैं। जैसा हमने पहले कहा कि अस्पताल मरीजों के इलाज के लिए है, लेकिन ऐसा लग रहा है कि आज की तारीख में यह कालकोठरी जैसा है। या यूं कहें कि उससे भी बदतर है।"

सुनवाई

अस्पताल का चार्ज संभाल रहे अधिकारियों को लगाई गई फटकार

कोर्ट ने पूछा कि क्या राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को पता भी है कि अस्पताल में क्या चल रहा है। राज्य सरकार ने अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार, सचिव मिलिंद तोरवाने और स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव जे रवि को इस अस्पताल का चार्ज सौंपा है। कोर्ट ने इनकी खिंचाई करते हुए कहा कि राज्य सरकार को इस बात का पता भी है कि मरीजों को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

सुनवाई

वेंटिलेटर की कमी के कारण हो रही मौतें- हाई कोर्ट

राज्य में मृत्यु दर को वेंटिलेटर की कमी से जोड़ते हुए बेंच ने कहा, "क्या राज्य सरकार को इस बात की जानकारी है कि सिविल अस्पताल में वेंटिलेटर की कमी के कारण मरीज मर रहे हैं। सरकार इस समस्या से पार पाने के लिए क्या कर रही है?" कोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह नोटिफिकेशन जारी कर अहमदाबाद के सभी प्राइवेट और दूसरे अस्पतालों को कोरोना वायरस के लिए 50 प्रतिशत बेड आरक्षित करने के लिए कहे।

संक्रमण

गुजरात और देश में कोरोना वायरस के कितने मामले?

कोरोना वायरस के 13,664 मामलों के साथ गुजरात देशभर में तीसरे नंबर पर है। यहां 6,169 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं और 829 लोगों की मौत हुई है। वहीं देशभर की बात की जाए तो रविवार सुबह तक संक्रमितों की कुल संख्या 1,31,868 पहुंच गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना वायरस के 73,560 सक्रिय मामले हैं, 54,441 लोग ठीक हो चुके हैं और 3,867 लोगों की मौत हुई है।