महिला बोली- कोरोना वायरस संक्रमित पति लापता है; अस्पताल बोला- मौत होने पर संस्कार कर दिया
क्या है खबर?
हैदराबाद से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां एक महिला ने एक अस्पताल पर संगीन आरोप लगाए हैं। महिला का आरोप है कि कोरोना वायरस से संक्रमित उसका पति अस्पताल से लापता हो गया है।
वहीं अस्पताल ने इन आरोपों से इनकार किया है और उसका कहना है कि जिस शख्स की महिला बात कर रही है, उसकी 1 मई को ही मौत हो चुकी है और परिवार को बताकर उसका अंतिम संस्कार भी किया जा चुका है।
ट्वीट
ट्वीट कर महिला ने लगाए आरोप
बुधवार रात को आलमपल्ली माधवी नाम के ट्विटर अकाउंट से शहर के गांधी अस्पताल पर आरोप लगाए गए थे।
उन्होंने कहा कि चावल के एक मिल में काम करने वाले उनके पति ए मधुसूदन (42 साल) अस्पताल से घर नहीं आए हैं।
उन्होंने बताया कि वे वनस्थलीपुरम के रहने वाले हैं और उनके परिवार के कई सदस्यों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था।
उन्होंने अपने ट्वीट में तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री केटी रामाराव को टैग किया है।
आरोप
माधवी का आरोप- अस्पताल ने नहीं दिया कोई ठोस जबाव
माधवी ने बताया कि उनके पति को 27 अप्रैल को किंग कोठी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां से उन्हें 30 अप्रैल को गांधी अस्पताल रेफर कर दिया गया।
उन्होंने कहा, "16 मई को जब अस्पताल से हमें छुट्टी मिली तो हमने अस्पताल के अधिकारियों से मेरे पति के बारे में फिर से पूछताछ की तो उन्होंने कोई सही जवाब नहीं दिया। पहले कहा गया कि वह वेंटीलेटर पर हैं और फिर कहा गया कि वे मर गए।"
सबूत कहां?
माधवी ने कहा- पति के अंतिम संस्कार का कोई सबूत नहीं दिखाया
माधवी ने कहा कि अगर उनके पति मर गए हैं तो अस्पताल को इसके सबूत दिखाने चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल के अधिकारियों ने प्रक्रिया पूरी करने के लिए उनकी अनुमति नहीं ली थी और न ही उनके पति के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन कराए।
उन्होंने कहा कि अस्पताल ने उन्हें श्मशान में उनके पति के अंतिम संस्कार का कोई वीडियो, फोटो या उनके किसी सामान का कोई सबूत नहीं दिखाया।
सफाई
अस्पताल के अधीक्षक ने दी सफाई
आरोपों पर सफाई देते हुए गांधी अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर राजा राव ने कहा, "मैं तथ्यों को साफ करना चाहता हूं। दिवंगत 42 वर्षीय मधुसूदन को 30 अप्रैल को कोरोना वायरस संक्रमण के कारण गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत गंभीर थी। तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका और 1 मई को उनकी मौत हो गई। नियमानुसार उनके परिवार को सूचना दे दी गई थी और उनका शव पुलिस को सौंप दिया गया था।"
बयान
डॉ राव बोले- नगर निगम ने किया अंतिम संस्कार
डॉ राव ने आगे कहा, "नियमानुसार शव को पुलिस को सौंपा जाता है जो उसे परिजनों को सौंपती है। अगर किसी का परिवार किसी कारणवश अंतिम संस्कार के लिए नहीं आता है तो ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (GHMC) उसका अंतिम संस्कार करता है। इस मामले में पूछताछ पर पता चला कि शव का अंतिम संस्कार GHMC ने किया है। बाद में परिवार के अन्य सदस्यों को भी कोरोना वायरस संक्रमण के कारण गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया।"
रिकॉर्ड
पुलिस के रिकॉर्ड में भी 1 मई को मौत की बात
डॉ राव ने कहा, "इस मामले में सभी प्रक्रियाओं का पालन किया गया था। परिवार के प्रति हमारी संवेदना है, लेकिन अस्पताल, डॉक्टरों और अपनी जान दांव पर लगाकर कोरोना संक्रमितों का इलाज कर रहे दूसरे स्वास्थ्यकर्मियों को बदनाम करना गलत है।"
पुलिस के रिकॉर्ड से भी मधुसूदन के 1 मई को मरने की पुष्टि होती है।
वहीं माधवी का कहना है कि अस्पताल सबूत दिखाए कि उन्होंने किसे सूचित किया था और उन्होंने किससे अंतिम संस्कार की मंजूरी ली।