हरेन पांड्या हत्याकांडः सुप्रीम कोर्ट ने 12 आरोपियों को माना दोषी, जाने पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने 2003 में गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री हरेन पांड्या की हत्या के मामले में 12 आरोपियों को दोषी माना है और इनमें से सात को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बदल दिया है। गुजरात हाई कोर्ट ने 2011 में इस मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। बता दें, पांड्या की 26 मार्च, 2003 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
गुजरात हाई कोर्ट ने आरोपियो को किया था बरी
पांड्या की हत्या के बाद ट्रायल कोर्ट ने आतंकवाद निरोधक कानून के तहत दोषियों को पांच साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा सुनाई थी। इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। अगस्त 2011 में गुजरात हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले को पलटते हुए आरोपियों को बरी कर दिया था। केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने 2012 में इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर अब फैसला आया है।
मोदी और शाह के विरोधी माने जाते थे पांड्या
CBI ने कहा कि गोधरा दंगों में दक्षिणपंथी नेताओं को निशाना बनाने का बदला लेने के लिए उनकी हत्या की गई थी। बता दें, पांड्या को मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का कट्टर विरोधी माना जाता था। हरेन के पिता और पत्नी ने उनकी की हत्या के लिए मोदी और शाह को दोषी ठहराया था। हालांकि, बाद मेें हरेन की पत्नी ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया।
नहीं होगी नए सिरे से जांच
शुक्रवार को मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कोर्ट की निगरानी में इस मामले की नए सिरे से जांच कराने की याचिका भी खारिज कर दी। कोर्ट ने यह याचिका खारिज करते हुए सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) NGO पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया और कहा कि वह अब किसी और याचिका पर विचार नहीं करेगा। इस मामले में 12 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखा गया था।