ट्रेन के आगे आकर गाय की मौत, कथित गौरक्षकों ने की लोको पायलट के साथ मारपीट
पिछले कुछ समय से कथित गौरक्षकों द्वारा लोगों की पिटाई के कई मामले सामने आए हैं। हाल ही में गुजरात में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां गौरक्षकों ने लोको-पायलट (ट्रेन ड्राइवर) की पिटाई कर दी। दरअसल, ग्वालियर से अहमदाबाद जा रही सुपरफास्ट ट्रेन के सामने एक गाय आ गई। ट्रेन से टक्कर होने के कारण गाय की मौत हो गई। इसके बाद ट्रेन में सवार एक यात्री ने लोको पायलट के साथ बदसलूकी करना शुरू कर दिया।
ट्रेन से टकराकर हुई थी गाय की मौत
यह मामला शनिवार का है। लोको पायलट जीए झाला ग्वालियर-अहमदाबाद सुपरफास्ट ट्रेन चला रहे थे। जब ट्रेन सिधपुर जंक्शन के पास पहुंची तो एक गाय ट्रैक पर आ गई। हालांकि, स्टेशनमास्टर ने लाल झंडी दिखाई थी, लेकिन झाला की उस पर नजर नहीं गई और ट्रेन गाय से टकरा गई। इसके बाद उन्होंने रेलवे कर्मचारियों से मृत गाय को ट्रैक से हटाने को कहा। इसी दौरान ट्रेन में सवार बिपिन सिंह राजपूत ने उनके साथ बदसलूकी करना शुरू कर दिया।
लोको पायलट के साथ की गई मारपीट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजपूत ने खुद को गौरक्षक बताते हुए झाला के साथ झगड़ा शुरू कर दिया। इसके बाद जल्द ही खुद को गौरक्षक बताने वाले 100-150 लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई और झाला को धमकाने लगी। जब ट्रेन ने अपना सफर शुरू किया तो राजपूत ने फिर दो-तीन जगह झाला के साथ मारपीट की। जब झाला ने मेहसाणा में उतरकर रेलवे पुलिस को शिकायत दी तो उन्होंने राजपूत को हिरासत में ले लिया।
गाय के शव को काटने को लेकर गुस्सा था राजपूत
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राजपूत इस बात से गुस्सा था कि रेलवे के कर्मचारियों ने ट्रैक से गाय का शव हटाने के लिए उसे काटा था। जब कर्मचारियों ने उसे बताया कि वो केवल शव हटाने के लिए ऐसा कर रहे हैं तो राजपूत मारपीट पर उतर आया और उनके साथ उलझ गया। रेलवे कर्मचारियों के बाद उसने लोको पायलट झाला के साथ भी मारपीट की। पुलिस ने राजपूत के खिलाफ कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
मध्य प्रदेश में गाय के नाम पर 25 लोगों के साथ हुई हिंसा
हाल ही में मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के सांवलीखेड़ा गांव में गाय के नाम पर लोगों के साथ हिंसा की गई। यहां के 100 से अधिक ग्रामीणों ने 25 लोगों को रस्सी से बांध कर उनकी 2 किलोमीटर दूर पुलिस स्टेशन तक परेड कराई। उन पर गायों को महाराष्ट्र ले जाने का आरोप है। इस दौरान ग्रामीण 'गोमाता की जय' के नारे लगाते रहे। घटना का वीडियो भी सामने आया और ये सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
चिंता का विषय है भीड़ का बढ़ता हिंसक स्वभाव
बता दें कि गोरक्षा और बीफ के नाम पर हिंसा के मामलों में पिछले कुछ सालों में वृद्धि हुई है। इसे देश में बढ़ती असहनशीलता और भीड़ की हिंसक मानसिकता से जोड़कर भी देखा जाता है। अखलाक और पहलू खान जैसे कई मामले ऐसे रहे थे, जिन्होंने देश की राजनीति में हलचल मचा दी थी। इसके अलावा व्हाट्सऐप अफवाहों, बच्चा चोरी और अन्य मामलों में मॉब लिंचिंग से भी भीड़ के बढ़ते हिंसक स्वभाव का पता चलता है।