अग्निपथ योजना को रद्द नहीं करेगी सरकार, बजट के बाद कर सकती है बदलाव- रिपोर्ट
भारतीय सेना में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना पर उठते सवालों के बीच अब एक बड़ी जानकारी सामने आई है। खबर है कि व्यापक विरोध के बावजूद केंद्र सरकार योजना को रद्द करने के मूड में नहीं है। हालांकि, वित्त वर्ष 2025 के बजट के दौरान या इसके बाद सरकार इसमें कुछ बदलाव कर सकती है। अखबार मिंट ने रक्षा सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है।
योजना को क्यों जारी रखना चाहती है सरकार?
अखबार ने लिखा कि विपक्ष के विरोध के बावजूद केंद्र सरकार इस योजना को सशस्त्र बलों में युवाओं की स्थिति सुधारने और बढ़ती रक्षा पेंशन के मुद्दे के समाधान के लक्ष्य को प्राप्त करने में एक प्रभावी साधन के रूप में देखती है। एक रक्षा सूत्र ने कहा, "योजना ने गति पकड़ ली है। इससे रक्षा बजट को एक जरूरी बदलाव में मदद मिलती है, क्योंकि इससे तकनीक और हथियारों पर ज्यादा खर्च किया जा सकता है।"
सरकार के लिए पेंशन का मुद्दा प्राथमिकता- विशेषज्ञ
अखबार से एक सूत्र ने कहा, "अगर सैनिकों के पेंशन मुद्दे का समाधान नहीं किया गया तो यह असह्य हो जाएगा। अग्निवीर 4 साल की नौकरी करते हैं। उन्हें अपने 4 साल के कार्यकाल के अंत में एकमुश्त कर-मुक्त राशि मिलती है। 4 साल के बाद नए लोगों का समूह आ जाता है। इस प्रकार सेना में हमेशा के लिए युवा सैनिक होते हैं। लगभग एक-चौथाई को स्थायी रूप से रखा जाता है।"
अग्निवीरों को अर्धसैनिक बलों में मिलेगा 10 प्रतिशत आरक्षण
कई केंद्रीय बलों ने ऐलान किया है कि वे भर्तियों में पूर्व अग्निवीरों को 10 प्रतिशत आरक्षण देंगे। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने इसका ऐलान किया है। पूर्व अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा भी नहीं देनी होगी और उन्हें उम्र में भी छूट मिलेगी। पहली बैच की भर्ती के लिए उम्र सीमा में 5 साल, जबकि दूसरी बैच में 3 साल की छूट मिलेगी।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना को जून 2022 में लागू किया गया था। इसके तहत सेना के तीनों अंगों में साढ़े 17 साल से 23 साल के युवाओं को 4 साल के लिए सेना में भर्ती किया जाता है। इन्हें अग्रिवीर कहा जाता है। 4 साल बाद इनमें से 25 प्रतिशत को स्थायी, जबकि बाकी 75 प्रतिशत को सेवा मुक्त कर दिया जाता है। अग्रिवीरों का वेतन नियमित भर्ती किए जवानों की तुलना में कम होता है और इन्हें पेंशन नहीं मिलेगी।