
नागालैंड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में 6 महीने बढ़ा AFSPA, गृह मंत्रालय ने जारी की अधिसूचना
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने मौजूदा हालातों को देखते हुए पूर्वोत्तर भारत के तीन राज्यों नागालैंड, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में सशस्त्र बल विशेष शक्तियां अधिनियम (AFSPA) को 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया है।
इसमें मणिपुर के 5 जिलों के 13 थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य में AFSPA की अवधि को बढ़ाया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार को इस संबंध में विस्तृत अधिसूचना भी जारी कर दी है। आइए विस्तृत अधिसूचना के बारे जानते हैं।
अधिसूचना
गृह मंत्रालय की अधिसूचना में क्या लिखा है?
गृह मंत्रालय की अधिसूचना में लिखा है, 'सरकार द्वारा मणिपुर राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के बाद सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1958 (1958 का 28) की धारा 3 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए 5 जिलों के 13 पुलिस थानों को छोड़कर पूरे राज्य में AFSPA को 1 अप्रैल, 2025 से अगले 6 महीनों के लिए बढ़ाने का निर्णय किया गया है।'
बता दें मणिपुर लगातार हिंसा की आग में जल रहा है।
नागालैंड
नागालैंड के लिए क्या जारी की अधिसूचना?
अधिसूचना के अनुसार, नागालैंड के दीमापुर, निउलैंड, चुमौकेदिमा, मोन, किफिर, नोकलाक, फेक और पेरेन जिलों में भी AFSPA को 6 महीने के लिए बढ़ाने का निर्णय किया है।
इसी तरह, कोहिमा जिले के खुजामा, कोहिमा उत्तर, कोहिमा दक्षिण, जुबजा और केजोचा पुलिस स्टेशनों के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इलाकों के साथ मोकोकचुंग जिले के मंगकोलेम्बा, मोकोकचुंग-I, लोंगथो, तुली, लोंगचेम और अनाकी 'सी' पुलिस थाना क्षेत्रों के विभिन्न इलाकों को 'अशांत क्षेत्र' घोषित किया गया है।
जानकारी
अरुणाचल प्रदेश में लागू किया गया AFSPA
गृह मंत्रालय की अधिसूचना के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश के तिरप, चांगलांग और लोंगडिंग जिलों और राज्य के 3 पुलिस थाना क्षेत्रों में भी AFSPA लागू कर दिया गया है। इससे अब इन क्षेत्रों में इस कानून के तहत सुरक्षाबलों को महत्वपूर्ण ताकत मिल गई है।
सवाल
आखिर क्या है AFSPA?
सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम यानी AFSPA को जुलाई, 1958 में अध्यादेश के रूप में लाया गया था।
3 महीने बाद यानी 11 सितंबर, 1958 को इसे संसद में पास करवाकर कानूनी जामा पहना दिया गया।
इस कानून के तहत देश के सुरक्षाबलों को संबंधित क्षेत्र में कार्रवाई के लिए विशेषाधिकार प्रदान किए जाते हैं।
इस कानून को देश के सबसे 'अशांत' क्षेत्रों में लागू किया जाता है। सबसे पहले इसे असम और मणिपुर में लागू किया गया था।
ताकत
AFSPA से सुरक्षाबलों को क्या ताकत मिलती है?
इस कानून ने सुरक्षाबलों को बेहिसाब ताकत दी हैं। इसकी धारा-4 के तहत यदि कोई कानून के खिलाफ काम करता है तो सैनिक उसे गोली मार सकते हैं या शारीरिक बल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसी तरह बिना अनुमति किसी भी स्थान की तलाशी और खतरे की स्थिति में उसे नष्ट करने, किसी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने, कार्रवाई के दौरान बल प्रयोग करने और किसी भी वाहन को रोककर जांच और जब्ती का अधिकार होता है।
जानकारी
AFSPA के तहत सुरक्षाबलों को मिली है विशेष सुरक्षा
इस कानून ने सुरक्षाबलों को विशेष सुरक्षा भी दी है। कानून की धारा-6 के तहत सुरक्षाबलों पर केंद्र की मंजूरी के बिना न तो कोई मुकदमा चलाया जा सकता है और न किसी तरह की कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।