विधानसभा चुनाव: नागालैंड में 82 प्रतिशत और मेघालय में 74 प्रतिशत से ज्यादा मतदान
क्या है खबर?
नागालैंड और मेघालय विधानसभा चुनाव के लिए सुबह 7 बजे से जारी मतदान की प्रक्रिया संपन्न हो गई है। नागालैंड में 82.42 प्रतिशत और मेघालय में 74 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ।
नागालैंड में विभिन्न पार्टियों के कुल 183 उम्मीदवारों और मेघालय में 375 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) में कैद हो गया है।
2 मार्च को इन दोनों राज्यों के साथ त्रिपुरा के चुनाव नतीजों का भी ऐलान किया जाएगा।
मतदान
नागालैंड और मेघालय में 59-59 सीटों पर हुआ मतदान
नागालैंड और मेघालय की 60-60 विधानसभा सीटों में से 59-59 सीटों पर मतदान हुआ है। नागालैंड में अकुलुतो विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के नाम वापस लेने के बाद यहां भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध चुन लिया गया, जबकि मेघालय की सोहियोंग सीट पर एक उम्मीदवार की मौत के कारण यहां चुनाव को टाल दिया गया।
इस बार विधानसभा चुनाव के लिए नागालैंड में कुल 2,315 और मेघालय में कुल 3,419 मतदान केंद्र बनाए गए थे।
हिंसा
नागालैंड में मतदान केंद्रों पर पथराव और फायरिंग
नागालैंड में मोकोकचुंग जिले के उमाबस्ती इलाके में अलोगताकि मतदान केंद्र पर मतदान के दौरान पथराव हुआ और हिंसा के चलते मतदान रोक दिया गया। इसके अलावा भंडारी मतदान केंद्र पर फायरिंग की घटना में नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) का एक कार्यकर्ता घायल हो गया। इन दोनों घटनाओं के बाद सुरक्षाकर्मियों ने मोर्चा संभाल लिया।
मेघालय में सुबह से ही सभी मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्वक मतदान हुआ और यहां हिंसा की कोई घटना नहीं हुई।
नागालैंड
नागालैंड में कौन-कौन सी पार्टियां मैदान में?
नागालैंड में भाजपा सत्तारूढ़ नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (NDPP) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। जहां 20 सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि NDPP ने बाकी बची 40 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसकी नागालैंड में पकड़ मजबूत है।
कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जबकि नागा पीपुल्स फ्रंट (NPF) 22 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। 2018 के चुनाव में कांग्रेस का नागालैंड में सफाया हो गया था।
नागालैंड
नागालैंड में पिछले चुनाव के क्या नतीजे रहे थे?
2018 के नागालैंड चुनाव में NPF 26 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी, लेकिन सरकार नहीं बना पाई। NDPP ने इस चुनाव में 18 और भाजपा ने 12 सीटें हासिल करते हुए गठबंधन की सरकार बनाई थी।
हालांकि, इस चुनाव के बाद विपक्षी दल NPF के करीब 21 विधायक NDPP में शामिल हो गए थे। इस विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नेफियू रियो के लिए भाजपा के गठबंधन के साथ सत्ता पर वापसी करना आसान लग रहा है।
मेघालय
मेघालय में क्या हैं चुनावी समीकरण?
मेघालय में भ्रष्टाचार के आरोपों से जूझ रही सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के साथ इस चुनाव में भाजपा ने कोई गठबंधन नहीं किया है।
मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने NPP के अकेले दम पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। इस चुनाव में उन्हें सत्ता विरोधी लहर से जूझना पड़ेगा और इससे भाजपा को फायदा मिल सकता है।
हालांकि, बीते चुनावों की तरह बहुमत न मिलने की स्थिति में सरकार बनाने के लिए यहां जोड़-तोड़ की जा सकती है।
मेघालय
मेघालय में पिछले चुनाव में क्या हुआ था?
2018 के मेघालय विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी और 60 विधानसभा सीटों में से उसने 21 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि NPP के हिस्से 19 सीटें आई थीं।
चुनाव के बाद मेघालय डेमोक्रेटिक फ्रंट (MDF) बना, जिसका भाजपा समेत अन्य क्षेत्रीय दलों ने समर्थन किया और NPP ने सरकार बनाई।
चुनाव के बाद कांग्रेस के कई विधायक दल-बदल करके TMC में शामिल हो गए और कांग्रेस को यहां भारी नुकसान उठाना पड़ा।