मणिपुर के जिरीबाम में फिर भड़की हिंसा, जानिए इसके पीछे का कारण
मणिपुर में दोबारा हिंसा की आग भड़क गई है। जिरीबाम में पिछले सप्ताह में शुरू हुई हिंसा के बाद तनाव बना हुआ है। सोमवार (11 नवंबर) को भी सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 10 संदिग्ध कुकी उग्रवादी मारे गए। हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) का एक जवान भी घायल हुआ है। उसके बाद इम्फाल घाटी में भी कई स्थानों पर हिंसा भड़की और जमकर गोलीबारी हुई। आइए जानते हैं मणिपुर में फिर हिंसा क्यों भड़की है।
जिरीबाम में क्यों भड़की हिंसा?
जिरीबाम में भड़की हिंसा के पीछे 7 नवंबर रात को घटी बड़ी घटना में अहम भूमिका निभाई है। उस घटना में हथियारबंद उग्रवादियों ने आदिवासी बस्ती जैरोन हमार गांव में कम से कम 10 घरों में आग लगा दी थी। उस घटना में एक महिला की जलकर मौत हो गई थी। वह 3 बच्चों की मां थी। वारदात का आरोप मैतेई उग्रवादियों पर था। क्षेत्र के लोगों का कहना था कि मैतेई हथियारबंद उग्रवादी कुकी इलाके में घूम रहे थे।
कुकी उग्रवादियों ने किया पुलिस थाने पर हमला
पुलिस के अनुसार, हथियारबंद कुकी उग्रवादियों ने सोमवार सुबह करीब 4 बजे लामताई खुनोऊ और जकुराधोर करोंग सहित मतेई बस्तियों में दुकानों पर हमला किया था। इसके बाद दोपहर 3 बजे उन्होंने जाकुराधोर करोंग में बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन और CRPF चौकी पर हमला बोल दिया था। इस दौरान CRPF की जवाबी कार्रवाई में 10 उग्रवादी मारे गए। हालांकि, घटना में CRPF जवान संजीव कुमार भी घायल हो गया। यह मुठभेड़ करीब 40 से 45 मिनट तक चली थी।
मुठभेड़ के बाद पुलिस ने बरामद किया हथियारों का जखीरा
पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ के बाद इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया गया था, जिसमें 10 उग्रवादियों के शव के साथ हथियारों का जखीरा भी बरामद किया गया। पुलिस ने बताया कि तलाशी के दौरान 3 AK-47, 4 SLR, 2 इंसास राइलफ, 1 रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG), 1 पंप एक्शन गन, बीपी हेलमेट और मैगजीन बरामद किए गए हैं। हथियार देखकर लग रहा है कि कुकी उग्रवादी इलाके में बड़ा हमला करने के लिए पूरी तैयारी से आए थे।
इंफाल में भी हुई हिंसक झड़पें
पुलिस ने बताया कि जिरीबाम की घटना के बाद इंफाल पश्चिम और इंफाल पूर्व जिलों के विभिन्न गांवों में भी हिंसक झड़पों की खबरें सामने आई। उग्रवादियों ने कथित तौर पर कांगपोकपी जिले की पहाड़ियों से कोत्रुक के निचले इलाकों में गोलीबारी की। हालांकि, हथियारबंद ग्रामीण स्वयंसेवकों ने उनका मुकाबला किया। कांगचुप इलाके में उग्रवादियों ने खाली घरों में आग लगा दी। इस दौरान बम के छर्रे लगने से 2 लोग घायल भी हो गए।
"मारे गए लोग उग्रवादी न होकर ग्राम स्वयंसेवक थे"
मुठभेड़ में शामिल सशस्त्र हमारों का प्रतिनिधित्व करने वाले हमार विलेज वालंटियर्स (HVV) ने बयान जारी कर कहा कि सोमवार को मारे गए लोग उग्रवादी न होकर ग्राम स्वयंसेवक थे, जो अपनी भूमि की रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई कर रहे थे। HVV ने कहा, "हमें पता चला है कि प्रतिबंधित मैतेई आतंकवादी जिरीबाम में छिपे हैं और स्थानीय मैतेई द्वारा उन्हें आश्रय दिया जा रहा है। ऐसे में HVV के पास जवाबी कार्रवाई के अलावा कोई विकल्प नहीं है।"
कुकी-जो काउंसिल ने किया बंद का आह्वान
कुकी-जो काउंसिल ने मंगलवार सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक राज्य के पहाड़ी इलाकों में पूर्ण बंद का आह्वान किया है ताकि उन लोगों के प्रति सामूहिक दुख और एकजुटता व्यक्त की जा सके जिनकी बेरहमी से गोली मारकर हत्या कर दी गई। परिषद ने अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए तत्काल और गहन जांच की मांग की। हिंसा के बाद जिरीबाम जिला प्रशासन ने धारा 163 के तहत अनिश्चितकालीन निषेधाज्ञा लागू कर दी है।