सरकार ने नियमों में किया बदलाव, इतना गेहूं ही स्टॉक कर सकेंगे थोक और खुदरा विक्रेता
क्या है खबर?
केंद्र सरकार ने गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए भंडारण सीमा कम कर दिया है।
अब थोक विक्रेताओं को केवल 250 टन गेहूं रखने की अनुमति होगी, जबकि पहले यह सीमा 1,000 टन थी। खुदरा दुकानों के लिए यह सीमा 5 टन से घटाकर 4 टन कर दी गई है।
बड़े खुदरा विक्रेताओं के लिए प्रत्येक आउटलेट 4 टन स्टॉक कर सकते हैं। प्रोसेसर अप्रैल, 2025 तक अपनी मासिक क्षमता का 50 प्रतिशत ही भंडारण कर सकते हैं।
नियम
पोर्टल पर पंजीकरण और सख्त नियम
सरकार ने सभी गेहूं भंडारण करने वाले व्यापारियों और कंपनियों के लिए स्टॉक सीमा पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है।
उन्हें हर शुक्रवार को अपने स्टॉक की जानकारी अपडेट करनी होगी। नियम नहीं मानने वाली संस्थाओं के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा-6 और 7 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने आदेश दिया है कि जिनके पास तय सीमा से अधिक गेहूं का भंडार है, उन्हें 15 दिनों के भीतर इसे घटाकर सीमा के अनुरूप लाना होगा।
निगरानी
गेहूं की पर्याप्त उपलब्धता और सरकारी निगरानी
सरकार ने स्पष्ट किया है कि देश में गेहूं की कोई कमी नहीं है और 2024 के रबी सीजन में 1,132 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ है।
यह स्टॉक उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। सरकार नियमित रूप से बाजार की निगरानी कर रही है और उचित कदम उठा रही है, ताकि आम लोगों को उचित दाम पर गेहूं मिल सके।
स्टॉक सीमा का यह नियम सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू होगा।