
करनाल घटना की होगी जांच, दोषी मिले तो किसानों पर भी होगी कार्रवाई- अनिल विज
क्या है खबर?
करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज के विरोध में किसानों ने करनाथ लघु सचिवालय के बाहर डेरा जमा रखा है।
वार्ता के पांच दौर विफल होने के बाद किसानों ने विरोध को वहीं पर जारी रखने का निर्णय किया है।
इसी बीच हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि करनाल प्रकरण की जांच की जाएगी और यदि किसान दोषी पाए गए तो उन पर कार्रवाई होगी।
पृष्ठभूमि
पुलिस ने किया था किसानों पर लाठीचार्ज
बता दें कि 28 अगस्त को करनाल में मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर सहित अन्य भाजपा नेताओं को रोकने की कोशिश कर रहे किसानों पर पुलिस ने बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज कर दिया था। इसमें कई किसान घायल हो गए थे।
उसके बाद किसानों ने राज्यभर में कई हाईवे जाम कर दिए थे। इसके अलावा लाठीचार्ज का आदेश देने वाले उपखंड अधिकारी सहित दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार को महापंचायत का आह्वान किया था।
महापंचायत
महापंचायत में बड़ी संख्या में जुटे किसान
महापंचायत के लिए बड़ी संख्या में किसान करनाल अनाज मंडी पहुंचे थे। इसको लेकर जिला प्रशासन ने किसानों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल से तीन दौर की वार्ता भी की, लेकिन समाधान नहीं निकला।
इसको लेकर किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने लघु सचिवालय के घेरावका ऐलान कर दिया।
उसके बाद किसानों ने देर रात प्रशासन के सुरक्षा इंतजामों को धता बताते हुए लघु सचिवालय का घेराव कर लिया और अब वहीं जमे हुए हैं।
मांग
क्या है किसानों की मांग?
किसान लाठीचार्ज में जान गंवाने वाले किसान सुशील काजल के परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, सभी घायल किसानों को दो-दो लाख रुपये मुआवजा देने और लाठीचार्ज के आदेश देने वाले SDM, DSP व दूसरे पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन इस पर सहमति नहीं बन पा रही है।
गुरुवार को जिला प्रशासन ने किसानों को वार्ता का न्यौता भी नहीं भेजा।
बयान
कराई जाएगी पूरी करनाल घटना की जांच- विज
मामले में गृह मंत्री विज ने कहा है, "28 अगस्त को किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज और सिविल सेवा अधिकारी आयुष सिन्हा के 'सिर तोड़ने (किसानों के)' के बयान सहित पूरी करनाल घटना की विस्तृत जांच कराई जाएगी। इसमें यदि किसान नेता दोषी पाए गए तो हम उनके खिलाफ भी एक्शन लेंगे।"
उन्होंने कहा, "केवल आयुष सिन्हा नहीं, हम किसी भी अधिकारी को मामले की पूरी जांच के बिना सजा नहीं दे सकते हैं।"
बयान
किसानों से धरने से सरकार को होगा नुकसान- गुरनाम सिंह चढ़ूनी
इधर, प्रशासन की ओर से वार्ता का न्यौता नहीं मिलने पर लघु सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने कहा, "किसान संघर्ष समिति हमारे साथ है और हम लंबा धरना चलाने के लिए तैयार हैं। इस धरने से सरकार को ही नुकसान होगा।"
उन्होंने कहा, "प्रशासन ने बातचीत का न्यौता नहीं दिया है, लेकिन हम साफ कर देना चाहते हैं कि जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होगी तब तक हम कहीं नहीं जाएंगे।"
गैरमौजूदगी
धरना स्थल पर नजर नहीं आए राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव
बुधवार को प्रशासन से वार्ता विफल होने के बाद लघु सचिवालय पर ही धरना जारी रखने का ऐलान करने वाले किसान नेता राकेश टिकैत और योगेंद्र यादव गुरुवार को धरना स्थल पर नजर नहीं आए।
इस दौरान चाढूनी ने ही धरने का नेतृत्व किया। किसानों ने लघु सचिवालय के प्रवेश द्वारा को जाम कर रखा है और किसी को भी सचिवायल ने प्रवेश नहीं दे रहे हैं। इसके चलते लघु सचिवालय में संचालित कार्यालयों का काम बाधित हो रहा है।