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छत्तीसगढ़ में इस साल नक्सल विरोधी अभियानों में मारे गए 81 नक्सली, जानिए कैसे मिली सफलता
छत्तीसगढ़ में इस साल मारे जा चुके हैं 81 नक्सली

छत्तीसगढ़ में इस साल नक्सल विरोधी अभियानों में मारे गए 81 नक्सली, जानिए कैसे मिली सफलता

Feb 10, 2025
12:35 pm

क्या है खबर?

छत्तीसगढ़ के बीजापुर स्थित नेशनल पार्क के जंगलों में चलाए गए नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षा बलों ने रविवार को मुठभेड़ में 31 नक्सलियों को मार गिराया। इस दौरान 2 जवान शहीद हो गए और 2 अन्य घायल हुए। इसके साथ ही राज्य में इस साल नक्सल विरोधी अभियान में मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़कर 81 हो गई है। ऐसे में आइए जानते हैं राज्य में इन अभियानों में बढ़ोतरी कैसे हुई और इस सफलता के क्या मायने हैं।

इजाफा

नक्सल विरोधी अभियानों में क्यों हुआ इजाफा?

छत्तीसगढ़ में पिछले साल नक्सल विरोधी अभियानों में काफी तेजी आई है। इसका प्रमुख कारण केंद्र सरकार की ओर से 31 मार्च, 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह से खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित करना है। हाल ही में लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी सरकार के इस लक्ष्य को दोहराते हुए इस पूरा करने का वादा किया है। ऐसे में सरकार ने नक्सलवाद के खात्मे के लिए अधिक प्रयास करने शुरू कर दिए हैं।

स्थिति

राज्य में भाजपा की सरकार बनने के बाद बदली स्थिति

पूर्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) आरके विज ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "दिसंबर 2023 में छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में भाजपा सरकार के आने के बाद से राज्य में नक्सल विरोधी अभियानों और मुठभेड़ों में काफी तेजी आई है।" उन्होंने बताया कि साल 2024 में राज्य में सुरक्षा बलों से हुई मुठभेड़ों में कुल 219 नक्सली मारे गए थे, जो राज्य के गठन के बाद से सबसे मृतक नक्सलियों की सबसे बड़ी संख्या रही है।

प्रयास

सरकार से सहयोग से मिल रही सफलता- विज

ADG विज ने कहा, "केंद्र और राज्य सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति के कारण सुरक्षा बलों को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ने में मदद मिली है। इससे अबूझमाड़ (एक सर्वेक्षण रहित क्षेत्र) और दक्षिण बस्तर जैसे स्थानों में सुरक्षा शून्यता को भरने के लिए अग्रिम शिविर बनाए गए हैं। ये दोनों क्षेत्र नक्सलियों के सुरक्षित पनाहगाह रहे हैं।" उन्होंने कहा, "इन शिविरों से नक्सलियों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगने के साथ बड़े ऑपरेशन करने में भी मदद मिल रही हैं।"

सफलता

नक्सल विरोधी अभियानों में कैसे हुआ इजाफा? 

ADG विज ने बताया कि हाल के महीनों में अग्रिम बेस कैंपों की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है। ये कैंप छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के जंगलों के अंदर कार्रवाई के लिए लॉन्च पैड के रूप में कार्य करते हैं। इन कैंपों की मदद से जंगलों के अंदर सड़क निर्माण और मोबाइल टावर नेटवर्क की स्थापना संभव हो पाई है। इनसे उन इलाकों को कम करने में मदद मिली, जो 4 दशक से नक्सलियों के प्रभाव में थे।

जानकारी

बस्तर में पिछले 6 सालों में बनाए गए 100 कैंप

इस साल ही बस्तर संभाग के नारायणपुर और बीजापुर जिलों में 4 पुलिस कैंप बनाए गए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2019 से 2024 के बीच 6 सालों में बस्तर क्षेत्र में कुल 100 कैंप बनाए गए, जिनमें से 30 पिछले साल बनाए गए थे।

आंकड़े

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की संख्या भी बढ़ी

हाल के दिनों में गिरफ्तार या आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। साल 2023 में जहां 428 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, वहीं 2024 में इनकी संख्या 837 पहुंच गई। इसी तरह 2023 में 398 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, लेकिन 2024 में यह संख्या 802 पर पहुंच गई। एक अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पित और गिरफ्तार किए गए ये नक्सली सुरक्षा बलों को नक्सलियों की गतिविधियों और उनकी पहचान सहित महत्वपूर्ण जानकारी देते हैं।

बयान

छत्तीसगढ़ में चलाए जा रहे हैं बहु-बल अभियान- IGP

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) सुंदरराज पी ने कहा, "पिछले साल की तरह हम अपने अंतर-जिला और बहु-बल अभियान जारी रख रहे हैं। हमारे सभी अभियानों में DRG, STF, बस्तर फाइटर्स, CRPF, BSF, ITBP, SSB और CAF जैसे विशेष बल शामिल रहे हैं।" उन्होंने बताया कि हाल ही में की गई तैनाती सुरक्षा शून्यता को दूर करने और नक्सलियों के गढ़ वाले क्षेत्रों में हमारी परिचालन पहुंच को बढ़ाने में मददगार रही।"