मल्लिकार्जुन खड़गे ने चुनाव नियम बदलने पर की सरकार की आलोचना, बताया बड़ी साजिश
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को चुनाव नियमों में संशोधन करने के लिए केंद्र सरकार की तीखी आलोचना की है। उन्होंने इस बदलाव को चुनाव आयोग की अखंडता को कमजोर करने के लिए जानबूझकर की गई साजिश करार दिया है। बता दें की सरकार के चुनाव नियमों में बदलाव से अब उम्मीदवारों के CCTV कैमरा फुटेज, वेबकास्टिंग फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज जनता के लिए उपलब्ध नहीं होंगे।
खड़ने ने क्या दिया बयान?
खड़गे ने एक्स पर लिखा, 'चुनाव संचालन नियमों में मोदी सरकार का दुस्साहसिक संशोधन भारत के चुनाव आयोग की संस्थागत अखंडता को नष्ट करने की उसकी व्यवस्थित साजिश में एक और हमला है।' उन्होंने आगे लिखा, 'इससे पहले, उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश को चयन समिति से हटा दिया था, जो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करती है और अब उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी चुनावी जानकारी को रोकने का सहारा लिया है।'
हम संविधान की सुरक्षा के लिए उठाएंगे हर कदम- खड़गे
खड़गे ने लिखा, 'जब भी कांग्रेस ने मतदाताओं के नाम हटाने और EVM में पारदर्शिता की कमी जैसी अनियमितताओं के संबंध में आयोग को लिखा तो उसे नकारात्मक जवाब दिया और कुछ गंभीर शिकायतों को स्वीकार नहीं किया। यह साबित करता है कि आयाेग स्वतंत्र रूप से व्यवहार नहीं कर रहा है।' उन्होंने आगे लिखा, 'मोदी सरकार का यह फैसला संविधान और लोकतंत्र पर सीधा हमला है और हम इनकी सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाएंगे।'
केंद्र सरकार ने क्या किया है संशोधन?
कानून मंत्रालय ने चुनाव संचालन नियम, 1961 के नियम 93(2)(ए) में संशोधन किया है, ताकि सार्वजनिक निरीक्षण के लिए कागजातों या दस्तावेजों के प्रकार को प्रतिबंधित किया जा सके। अब चुनाव से संबंधित सभी दस्तावेज जनता के लिए उपलब्ध नहीं होंगे। नियमों में बदलाव से पहले सभी तरह के इलेक्ट्रॉनिक और कागजी दस्तावेज आम लोगों के लिए उपलब्ध रहते थे। हालांकि, नामांकन फॉर्म, चुनाव एजेंटों की नियुक्ति, परिणाम और चुनाव खाता विवरण जैसे दस्तावेज पहले की तरह उपलब्ध रहेंगे।