
छत्तीसगढ़: नक्सली कमांडर रही महिला ने 13 साल बाद किया मतदान, आरक्षक बनीं
क्या है खबर?
छत्तीसगढ़ में मंगलवार को पहले चरण के मतदान के दौरान अजब नजारा दिखा। यहां नक्सली कमांडर रही एक महिला काफी साल के बहिष्कार के बाद मतदान करने पहुंचीं।
नक्सलियों की अमदाई क्षेत्र समिति की पूर्व कमांडर सुमित्रा साहू ने लोकतंत्र पर भरोसा जताते हुए बस्तर जिले में अपने मताधिकार का उपयोग किया।
सुमित्रा साहू ने 13 साल तक चुनाव का बहिष्कार किया था, लेकिन अब वह मुख्यधारा से जुड़ चुकी हैं और आरक्षक बनकर नक्सलियों से मुकाबला कर रही हैं।
बदलाव
सैकड़ों नक्सली उग्रवाद छोड़ मुख्यधारा से जुड़े
बता दें कि पिछले कुछ समय में साहू के अलावा सैकड़ों नक्सली उग्रवाद छोड़कर मुख्यधारा से जुड़े हैं।
सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के तहत इस साल अगस्त तक 267 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है और मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं।
आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों को सरकार कई सुविधाएं देती है।
हालांकि, इसके बावजूद चुनाव पर नक्सलियों का खतरा बना हुआ है और मतदान के दौरान सुकमा में नक्सली धमाके में CRPF का जवान घायल हो गया।
मतदान
पहले चरण के मतदान में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
छत्तीसगढ़ में पहले चरण के तहत 20 सीटों पर मतदान हो रहा है, जिसमें बस्तर संभाग की 12 सीटें और दुर्ग संभाग की 8 सीटें शामिल हैं।
नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण इन सीटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। 3 स्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया है और 60,000 जवान तैनात किए गए हैं।
इनमें अर्धसैनिक बलों के 40,000 जवान और राज्य पुलिस के 20,000 जवान शामिल हैं। 149 मतदान केंद्र पुलिस थाने के पास बने हैं।