'एक देश एक चुनाव' विधेयक को लेकर लोकसभा में पहली बार हुई ई-वोटिंग
'एक देश एक चुनाव' विधेयक को केंद्र सरकार ने मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया है। इस दौरान काफी हंगामा देखने को मिला। विधेयक को संसद में स्वीकार करने और आगे भेजने के लिए लोकसभा में पहली बार इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग हुई है। पहली बार में कुल 369 सांसदों ने अपना मतदान किया, जिसमें पक्ष में 220 और विपक्ष में 149 वोट पड़े। इसके बाद पर्ची से दूसरी बार हुई वोटिंग में 269 पक्ष में 198 विपक्ष में वोट पड़े।
JPC में भेजा जाएगा विधेयक
संसद में विधेयक प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेजने की योजना है। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने इसे समिति के पास भेजने की सिफारिश की है ताकि इस पर विस्तृत चर्चा हो सके। समिति में अधिक सांसद सदस्यों की वजह से प्रमुख का पद भाजपा को ही मिलने की संभावना है, जिससे गतिरोध खत्म होने की गुंजाइश नहीं दिख रही है।
कैसे हुई ई-वोटिंग?
लोकसभा में पहली बार ई-वोटिंग हुई, जिसको लेकर सबसे पहले महासचिव उत्पल कुमार सिंह ने व्यवस्था बताई। उन्होंने बताया कि सभी सांसदों की सीट के पास वोटिंग के लिए लाल, हरे और पीले रंग के बटन लगे थे। इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मौखिक तौर पर सांसदों की राय जानी, जिसमें प्रस्ताव के खिलाफ "न" बोलने वालों के पक्ष में फैसला सुनाया गया। इसके बाद हुई ई-वोटिंग में 220 पक्ष में और 140 विपक्ष में वोट पड़े।
कुछ इस तरह हुई वोटिंग
विधेयक का उद्देश्य
प्रस्तावित संवैधानिक संशोधन का उद्देश्य स्थानीय निकाय चुनावों को छोड़कर राष्ट्रीय और राज्य चुनावों को एकसाथ करना है। यह विधेयक एकसाथ चुनाव कराने के लिए अनुच्छेद 83, 172 और 327 में संशोधन करता है तथा एक नया अनुच्छेद 82(A) जोड़ता है। विधेयक में कहा गया है कि एकसाथ चुनाव 2034 तक शुरू नहीं होंगे और अगर, विधानमंडल समय से पहले भंग हो जाता है तो मध्यावधि चुनाव का प्रावधान किया जा सकता है।