मणिपुर में फिर शुरू हुई हिंसा, मैतेई समुदाय के 5 लोगों की गोली मारकर हत्या
क्या है खबर?
मणिपुर में फिर से हिंसा शुरू हो गई है। गुरुवार को राज्य के अलग-अलग इलाकों में गोलीबारी हुई जिसमें कम से कम 5 मैतेई समुदाय के लोग मारे गए।
इससे पहले सशस्त्र हमलावरों के हमले में 2 पुलिसकर्मियों की मौत हुई थी।
मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने पुलिसकर्मियों पर हुए हमले के पीछे म्यांमार के उग्रवादियों के हाथ होने की आशंका जताई, लेकिन इसके सबूत न होने की भी बात कही है।
घटना
कहां-कहां हुई घटना?
मणिपुर पुलिस के अनुसार, बुधवार देर रात इंफाल पश्चिम और कांगपोकपी जिले की सीमा पर कांगचुप में हथियारबंद बदमाशों के बीच गोलीबारी में एक ग्रामीण स्वयंसेवक की मौत हो गई जिसका शव बरामद कर लिया गया है।
वहीं बिष्णुपुर जिले में 5-6 हथियारबंद बदमाशों द्वारा की गई गोलीबारी की एक अलग घटना में 4 लोगों की मौत हुई है। उनकी पहचान ओइनम बामलजाओ और उनके बेटे ओइनम मैनिटोम्बा, और थियाम सोमेन और निंगथौजाम नेता के रूप में की गई।
हत्या
2 दिनों में 7 लोगों की हुई हत्या
पिछले 2 दिनों में यहां पुलिसकर्मियों सहित कुल 7 लोगों की हत्या हुई है।
हत्या के बाद, बड़ी संख्या में महिलाओं ने राज्य में हिंसा के विरोध में गुरुवार को इंफाल में एक रैली निकाली और अंतर-एजेंसी एकीकृत कमान के अध्यक्ष को हटाने की मांग की।
महिला प्रदर्शनकारियों ने मुख्यमंत्री बंगले और राजभवन की ओर मार्च किया, लेकिन उन्हें राजभवन से 300 मीटर पहले ही रोक दिया गया। भीड़ को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए।
म्यांमार
पुलिसकर्मियों की हत्या के पीछे हो सकते हैं म्यांमार के उग्रवादी- सुरक्षा सलाहकार
कुलदीप सिंह ने 2 पुलिसकर्मियों की हत्या पर कहा, "बुधवार सुबह से बड़ी संख्या में कुकी आतंकवादियों ने मोरेह में 3 स्थानों पर पुलिसकर्मियों पर गोलीबारी शुरू कर दी। पहले से एक खुफिया रिपोर्ट थी कि मोरेह में सक्रिय विद्रोही समूह पीपुल्स डिफेंस फोर्स (PDF), और शायद बर्मा की ओर से कुछ अतिरिक्त सैनिक, राज्य बलों पर भी हमला कर सकते हैं।"
हालांकि, संलिप्तता के संबंध में अभी भी कोई सबूत नहीं है।
सुरक्षा सलाहकार
सुरक्षा सलाहकार ने और क्या बताया?
सिंह ने कहा, "खुफिया जानकारी थी क्योंकि कूकी इंपी और नागरिक समाज संगठन (CSO) और कई अन्य लोग मोरेह में सुरक्षा स्थानों पर आकर CDO (कमांडो) को वहां से हटाने की मांग कर रहे थे और उसे निशाना बनाने की बात कही थी।"
उन्होंने बताया कि खुफिया एजेंसियों ने योजना के बारे में पता लगाने के प्रयास किया और पाया कि आस-पास के स्वयंसेवक और कुछ उपद्रवी इसमें शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इसके सबूत अभी नहीं हैं।
गतिविधियां
सुरक्षा सलाहकार ने बताया क्यों बढ़ी आतंकवादियों की गतिविधियां
सुरक्षा सलाहकार सिंह ने बताया कि 31 अक्टूबर को मणिपुर के पुलिस अधिकारी आनंद सिंह की हत्या में संदिग्ध 2 लोगों को इस महीने की शुरुआत में वहां से गिरफ्तार किए जाने के बाद आतंकवादियों ने क्षेत्र में अपनी गतिविधियां बढ़ा दीं हैं।
बता दें कि गुरुवार को राज्य के कई हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए जो तनावपूर्ण बने रहे, सुरक्षाकर्मी और प्रशासन आठ महीने से चली आ रही हिंसा पर काबू पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
हथियाएर
बुधवार को भीड़ ने पुलिस मुख्यालय पर किया था हमला
बता दें कि बुधवार को थौबल जिले में भीड़ ने पुलिस मुख्यालय पर हमला कर दिया जिसमें सीमा सुरक्षा बल (BSF) के 3 जवान घायल हो गए।
भीड़ ने पुलिस मुख्यालय में घुसने की कोशिश की और हथियार लूटने की भी कोशिश हुई, लेकिन उन्हें खदेड़ दिया गया।
ये घटना 17 जनवरी को उग्रवादियों देअर सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के बाद सामने आई है जिसमें पुलिस ने एक उग्रवादी को गिरफ्तार किया था।
हिंसा
कब से जारी है मणिपुर में हिंसा?
बता दें कि पिछले साल 3 मई को मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय झड़प के बाद से मणिपुर में हिंसा जारी है।
इसमें अब तक 200 से भी ज्यादा मौतें हो गई हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
मणिपुर हिंसा की शुरुआत हाई कोर्ट के उस आदेश के बाद हुई थी, जिसमें उसने राज्य सरकार से मैतेई समुदाय को आदिवासी का दर्जा दिए जाने की मांग पर विचार करने को कहा था।