मणिपुर में हिंसा जारी; विधायक के घर हमले की कोशिश, छात्रों की हत्या पर बोले मुख्यमंत्री
क्या है खबर?
मणिपुर में जुलाई में लापता हुए 2 मैतेई छात्रों के शव मिलने के बाद हिंसा का दौरा जारी है। शुक्रवार रात को भी राजधानी इंफाल समेत कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया।
रात करीब 11 बजे भीड़ ने इंफाल पूर्वी जिले के खुरई सजोर लीकाई के भाजपा विधायक के घर पर हमला करने की कोशिश की।
दूसरी ओर, छात्रों की हत्या पर अब मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का भी बयान आया है।
हमला
भाजपा विधायक के घर पर भीड़ ने किया हमला
शुक्रवार देर रात भीड़ ने भाजपा विधायक और उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री एल सुसिंद्रो के आवास पर हमला करने की कोशिश की। हालांकि, पुलिस और रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) सहित सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले छोड़ प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया।
इस घटना के कई अपुष्ट वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है कि घटना में कितने लोग घायल हुए और हमले के वक्त विधायक घर पर थे या नहीं।
बयान
मुख्यमंत्री बोले- छात्रों के हत्यारों को जरूर पकड़ेंगे
छात्रों की हत्या को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच अब मुख्यमंत्री सिंह का भी बयान आया है।
उन्होंने कहा, "हम विस्तार से नहीं बता सकते, लेकिन हम निश्चित तौर पर दोषियों को पकड़ेंगे। इस घटना की हर स्तर से जांच की जा रही है।"
हिंसक प्रदर्शनों पर कार्रवाई को लेकर सिंह ने कहा, "ये लोग भावुक होकर ऐसा कर रहे हैं। हम लोग जल्द ही सब कुछ सही कर लेंगे।"
कर्फ्यू
कर्फ्यू में दी गई आंशिक ढील
इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम के जिलों में शुक्रवार सुबह 5 बजे से 11 बजे तक कर्फ्यू में ढील दी गई थी। आज भी सुबह 5 से दोपहर 2 बजे तक कर्फ्यू में छूट दी गई है।
दूसरी ओर, 27 सितंबर को प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज का मामला सामने आया था, जिसमें कथित तौर पर 45 छात्र घायल हुए थे। अब पुलिस महानिदेशक ने कहा है कि इस मामले की जांच के लिए समिति बनाई गई है।
सुरक्षा
बढ़ाई गई भाजपा कार्यालय की सुरक्षा
मणिपुर में भाजपा नेताओं के आवासों और कार्यालयों पर हमले को देखते हुए सरकार ने इंफाल में भाजपा दफ्तर की सुरक्षा बढ़ा दी है। यहां अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और RAF जवानों को तैनात किया गया है।
इससे पहले 27 सितंबर को थाउबल जिले में भीड़ ने भाजपा कार्यालय में आग लगा दी थी। भीड़ ने कार्यालय के दरवाजों और खिड़कियों को भी तोड़ दिया था और एक वाहन में भी तोड़फोड़ की थी।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को आदिवासी का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च निकाला था, जिसके बाद मणिपुर में हिंसा भड़क गई थी।
यहां तभी से बहुसंख्यक मैतेई और आदिवासी कुकी समुदाय में संघर्ष जारी है और गृह युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है।
मणिपुर हिंसा में अब तक करीब 180 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हुए हैं।