मणिपुर में हिंसा जारी; भीड़ ने भाजपा कार्यालय जलाया, डिप्टी कलेक्टर के घर पर हमला
क्या है खबर?
मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। जुलाई में लापता हुए 2 छात्रों के शवों की तस्वीरें वायरल होने के बाद जगह-जगह पर हिंसा भड़क उठी है।
बुधवार (27 सितंबर) को राज्य के कई हिस्सों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई। भीड़ ने भाजपा कार्यालय को आग के हवाले कर दिया और डिप्टी कलेक्टर के घर पर हमला कर बरामदे में खड़ी कारों को जला दिया। राज्य में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।
भाजपा
थाउबल में भीड़ ने जलाया भाजपा कार्यालय
प्रदर्शनकारियों ने थाउबल जिले में भाजपा के कार्यालय में आग लगा दी। भीड़ ने कार्यालय के दरवाजों और खिड़कियों को भी तोड़ दिया और परिसर के भीतर खड़े एक वाहन में भी तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या में छात्र शामिल थे। रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान पुलिस पर भी हमला किया गया।
यह पहला मामला नहीं है, जब भाजपा कार्यालय को निशाना बनाया गया है। इससे पहले जून में उपद्रवियों ने 3 भाजपा कार्यालयों में तोड़फोड़ की थी।
हमला
डिप्टी कलेक्टर के घर पर हमला, कारें जलाईं
27 सितंबर की रात को प्रदर्शनकारियों ने इंफाल पश्चिम जिले में डिप्टी कलेक्टर के घर पर हमला कर दिया। भीड़ ने परिसर में खड़ी 2 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया और घर पर भी पत्थरबाजी की।
बताया जा रहा है कि भीड़ घर में आग लगाना चाहती थी, लेकिन सुरक्षा बलों ने मौके पर पहुंचकर हालात को काबू में किया। पुलिस को परिसर से पेट्रोल बम भी बरामद हुए हैं।
घायल
2 दिन में 65 लोग घायल
मणिपुर में बीते 2 दिन में हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। उरीपोक, याइस्कुल, सागोलबंद और तेरा इलाकों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प की खबरें हैं, जिनमें 65 लोग घायल हुए हैं।
बता दें कि हाल ही में सरकार ने कर्फ्यू में छूट दी थी, जिसे हिंसा भड़कने के बाद दोबारा लागू कर दिया गया है। छात्रों के फोटो वायरल होने के बाद इंटरनेट से हटाई गई रोक भी दोबारा लगा दी गई है।
मणिपुर
पूरा मणिपुर अशांत क्षेत्र घोषित
हिंसा को देखते हुए राज्य सरकार ने 19 विशिष्ट पुलिस थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे मणिपुर को अशांत क्षेत्र घोषित कर दिया है। पहाड़ी इलाकों में सशस्त्र बल विशेष शक्ति अधिनियम (AFSPA) को 6 महीने के लिए बढ़ाया गया है।
गृह मंत्रालय ने कश्मीर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी राकेश बलवल को मणिपुर मैं तैनात करने का फैसला लिया है। बलवल 2012 बैच के मणिपुर कैडर के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी हैं, जो मौजूदा समय में जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं।
प्लस
न्यूजबाइट्स प्लस
मणिपुर में 3 मई को कुकी समुदाय ने गैर-आदिवासी मैतेई समुदाय को आदिवासी का दर्जा दिए जाने के खिलाफ एकजुटता मार्च निकाला था, जिसके बाद मणिपुर में हिंसा भड़क गई थी।
यहां तभी से बहुसंख्यक मैतेई और आदिवासी कुकी समुदाय में संघर्ष जारी है और गृह युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई है। मणिपुर हिंसा में अब तक करीब 180 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हुए हैं।