कानपुर हिंसा: अब तक 36 लोग गिरफ्तार, आरोपियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाने की तैयारी
उत्तर प्रदेश के कानपुर में शुक्रवार को भड़की हिंसा के सिलसिले में पुलिस ने 36 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा तीन FIR में 1,000 लोगों को नामजद किया गया है। इन पर दंगा करने और हत्या की कोशिश जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने बताया कि वीडियो क्लिप के सहारे अन्य आरोपियों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आरोपियों की संपत्ति पर बुलडोजर चलाने की भी तैयारी है।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बीच भड़की थी हिंसा
शुक्रवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर देहात के दौरे पर थे। इसी बीच जुमे की नमाज के बाद शहर में हिंसा भड़क गई। एक भाजपा नेता के बयान के विरोध में मुस्लिम समाज के लोग यतीमखाना स्थित सद्भावना चौकी के पास बाजार बंद कराने पहुंचे थे। इस दौरान बाजार बंद करने से इनकार करने पर दोनों पक्ष आमने-सामने हो गए। दोनों पक्षों की ओर से पथराव भी किया गया, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे।
पुलिस कमिश्नर ने कही कड़ी कार्रवाई की बात
कानपुर के पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा ने बताया गैंगस्टर एक्ट के तहत साजिशकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उनकी संपत्ति को ढहाया या जब्त किया जाएगा। ताजा हालात की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, "हमने पुलिसकर्मियों को अलर्ट रहने को कह दिया है। हम लोगों में भरोसा कायम करने के लिए रूट मार्च और पेट्रोलिंग कर रहे हैं। स्थिति अभी काबू में है और ट्रैफिक भी आम दिनों की तरह चल रहा है।"
योगी आदित्यनाथ ने की पुलिस अधिकारियों से चर्चा
शुक्रवार को हिंसा के बाद देर रात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर हालात का जायजा लिया था। उन्होंने हिंसा में शामिल लोगों की जल्द पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आदेश दिया। इसके अलावा उन्होंने हिंसा प्रभावित इलाकों में पुलिस की तैनाती बढ़ाने और जिले के सभी संवेदनशील इलाकों में पुलिस की नियमित गश्त के आदेश दिए हैं।
हिंसा में 13 पुलिसकर्मी हुए थे घायल
शुक्रवार को बाजार बंद कराने को लेकर शुरू हुआ विवाद गंभीर होता गया और दोनों तरफ से पत्थरबाजी की गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पत्थरबाजी में दोनों तरफ के 30 लोगों के अलावा 13 पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। इनमें एक वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल है। पुलिस को हालात पर काबू करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा। स्थिति को देखते हुए कई स्थानों पर अतिरिक्त पुलिसबल बुलाया गया था।
अखिलेश ने पुलिस को ठहराया जिम्मेदार
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इस हिंसा के लिए पुलिस और खुफिया तंत्र की विफलता को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, 'महामहिम राष्ट्रपति जी, प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नगर में रहते हुए भी पुलिस और ख़ुफ़िया-तंत्र की विफलता से भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा दिए गए भड़काऊ बयान से, कानपुर में जो अशांति हुई है, उसके लिए भाजपा नेता को गिरफ़्तार किया जाए। हमारी सभी से शांति बनाए रखने की अपील है।'