कानपुर वापस लाते वक्त एनकाउंटर में मारा गया आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाला विकास दुबे

आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे कानपुर वापस लाते वक्त मुठभेड़ में मारा गया। विकास को कल ही मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार किया गया था और वापस कानपुर लाया जा रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उसे वापस ला रही उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की एक गाड़ी रास्ते में पलट गई, जिसके बाद विकास ने भागने की कोशिश की। पुलिस की जबावी फायरिंग में वह मारा गया।
कानपुर के सचेंडी में भारी बारिश के कारण विकास को उज्जैन से वापस ला रहे काफिले की एक गाड़ी फिसल कर पलट गई। विकास इसी गाड़ी में सवार था और गाड़ी पलटने पर उसने घायल पुलिसकर्मियों से बंदूक छीन भागने की कोशिश की। पुलिस ने उसे चारों तरफ से घेरकर आत्मसमर्पण करने के लिए कहा, लेकिन उसके गोली चला दी। जबाव में पुलिस ने भी फायरिंग की जिसमें वह घायल हो गया। अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया।
#WATCH Vikas Dubey attempted to flee by snatching pistol of the injured policemen after car overturned. Police tried to make him surrender, during which he fired at the policemen. He was injured in retaliatory firing by police. He was later rushed to the hospital: SP Kanpur West pic.twitter.com/ZajJVLNGBU
— ANI UP (@ANINewsUP) July 10, 2020
शातिर अपराधी विकास दुबे के खिलाफ हत्या समेत 60 से ज्यादा मुकदमे चल रहे थे। वह घर बैठे-बैठे ही बड़ी वारदातों को अंजाम दिलवा देता था और जमीनों पर अवैध कब्जे लेने और कब्जे छुड़वाने में माहिर था। कानपुर और आसपास के इलाकों में उसके कई ईंट भट्ठे और कॉलेज चल रहे हैं। विकास 2001 में उस समय चर्चा में आया था, जब उसने थाने में घुसकर भाजपा के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोेष शुक्ल की हत्या कर दी थी।
2 जुलाई की रात हत्या की कोशिश के एक मामले में पुलिस की एक टीम विकास को पकड़ने कानपुर के बिकरू गांव गई थी। कुछ पुलिसकर्मियों ने उसे पहले से ही इस दबिश की जानकारी दे दी और जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो विकास और उसके गुर्गों ने तीन तरफ से गोली चलाना शुरू कर दीं। इस हमले में उप पुलिस अधीक्षक (DSP) समेत आठ पुलिसकर्मी मारे गए।
इस हमले के बाद से ही विकास फरार चल रहा था और मध्य प्रदेश पुलिस ने कल उसे उज्जैन में धर लिया। वह यहां महाकाली मंदिर के दर्शन करने आया था और तभी एक गार्ड ने उसे पहचान लिया। गार्ड के सूचना देने पर पुलिस मौके पर पहुंच गई और मंदिर से बाहर निकलने पर उसे दबोच लिया। अब उसे उज्जैन से कानपुर लाया जा रहा था और इसी दौरान ये एनकाउंटर हुआ।
दरअसल ये कार नहीं पलटी है, राज़ खुलने से सरकार पलटने से बचाई गयी है.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 10, 2020