गाड़ी पलटने के 10 मिनट बाद विकास दुबे को लगी गोली, जानिये कैसे चला पूरा घटनाक्रम
हिस्ट्रीशीटर अपराधी और आठ पुलिसकर्मियों पर हमले का मुख्य आरोपी विकास दुबे शुक्रवार सुबह एक एनकाउंटर में मारा गया। उसे कल मध्य प्रदेश के उज्जैन में गिरफ्तार किया गया था। शुरुआती पूछताछ में उसने हमले से जुड़े कई बड़े खुलासे किए थे। आज सुबह उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) उसे उज्जैन से कानपुर ला रही थी। इसी दौरान उसने भागने की कोशिश की और मारा गया। आइये, इससे जुड़ा पूरा घटनाक्रम जानते हैं।
सड़क किनारे पलटी विकास को ले जा रही गाड़ी
गुरुवार को गिरफ्तारी के बाद विकास ने बताया था कि उसने एनकाउंटर के डर से बिकरू गांव में उसे पकड़ने गई पुलिस टीम पर हमला किया था। इसके अलावा भी उसने हमले से जुड़ी कई बातें कबूल की थी। शुक्रवार सुबह STF की टीम उसे कानपुर ला रही थी। पुलिस ने बताया कि जिस गाड़ी में विकास दुबे बैठा था, रास्ते में संचेड़ी के पास उसका एक्सीडेंट हुआ और वह सड़क किनारे पलट गई।
चार पुलिसकर्मी हुए घायल
गाड़ी पलटने पर मौके का फायदा उठाते हुए विकास ने घायल पुलिसकर्मी का पिस्तौल छीना और भागने की कोशिश की। पुलिस ने उसका पीछा करते हुए उसे घेरकर आत्मसमर्पण का कहा, लेकिन उनसे गोली चला दी। जवाब में पुलिस ने फायरिंग की, जिसमें वह घायल हो गया। इसके बाद उसे कानपुर के हालेट अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पूरे घटनाक्रम में चार पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
ऐसे चला घटनाक्रम
विकास को कानपुर ला रहे STF के काफिले के साथ कई मीडियाकर्मियों की गाड़ियां भी चल रही थी। इन्हें कानपुर-देहात की सीमा से पहले आखिरी टोल प्लाजा पर रोक दिया गया था। सुबह लगभग 6:40 मिनट पर पुलिस का काफिला कानपुर देहात की सीमा को पार कर गया था। लगभग 7:30 बजे विकास को लेकर चल रही गाड़ी संचेड़ी के पास सड़क किनारे पलट गई। 10 मिनट बाद उसने भागकर पुलिसकर्मियों पर गोली चलानी शुरू कर दी।
घायल विकास को ले जाया गया अस्पताल
जवाबी फायरिंग में विकास दुबे घायल हो गया। 8:05 मिनट पर उसे हालेट अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। हालांकि, अब इस एनकाउंटर पर सवाल उठ रहे हैं। विपक्षी पार्टियां इसे लेकर सरकार को घेर रही है।
विकास की पत्नी और बेटे को भी लेकर गई STF
इससे पहले गुरुवार को उज्जैन में विकास दुबे की गिरफ्तारी के बाद STF न उत्तर प्रदेश के कृष्णा नगर में रह रही उसकी पत्नी और बेटे को उठाया था और पूछताछ के लिए उन्हें किसी अज्ञात स्थान पर लेकर गई। पत्नी और बेटे के साथ उसके एक नौकर को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। बताया जा रहा है कि विकास की पत्नी भी आपराधिक घटनाओं और पुलिसकर्मियों पर हमले में शामिल थी।
विकास की सुरक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में दायर थी याचिका
विकास दुबे के एनकाउंटर से पहले सुप्रीम कोर्ट में उसकी सुरक्षा को लेकर एक याचिका दायर की गई थी। मुंबई के रहने वाले एक वकील की तरफ से दायर इस याचिका में मांग की गई थी कि सुप्रीम कोर्ट उत्तर प्रदेश पुलिस और सरकार को आरोपी विकास दुबे को सुरक्षा देने और यह सुनिश्चित करने का आदेश दे कि उसे एनकाउंटर में नहीं मारा जाएगा। हालांकि, इस पर सुनवाई होने से पहले ही विकास दुबे मारा गया।
पुलिस की कहानी पर उठ रहे सवाल
एनकाउंटर के बाद पुलिस की तरफ से दी गई जानकारी को संदेह की नजर से देखा जा रहा है। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर क्या सवाल उठ रहे हैं? इन्हें आप यहां टैप कर विस्तार से पढ़ सकते हैं।