भारत में साल 2022 में मौसम आधारित घटनाओं में हुई 2,227 लोगों की मौत- IMD
जलवायु परिवर्तन का असर भारत में तेजी से देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि साल 2022 में मौसम आधारित घटनाओं में 2,227 लोगों की मौत हो गई। भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ओर से जारी '2022 के दौरान भारत की जलवायु' रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। चौंकाने वाले बात यह रही कि पिछले साल जनवरी और फरवरी को छोड़कर पूरे 10 महीनों में सामान्य से अधिक तापमान दर्ज किया गया है।
आंधी और बिजली के कारण हुई सबसे अधिक मौतें
IMD की रिपोर्ट के अनुसार, देश में पिछले साल मौसम आधारित घटनाओं में सबसे अधिक 1,285 मौतें आंधी और बिजली गिरने के कारण हुई है। यह आंकड़ा कुल मौतों का 58 प्रतिशत है। इसी तरह बाढ़ और भारी बारिश के कारण 835, भारी बर्फबारी से 37, गर्मी और लू से 30 और धूल भरी आंधी से 22 लोगों की मौत हुई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि तमाम प्रयासों के बाद भी मौतों का ग्राफ बढ़ा है।
बिहार में हुई सबसे अधिक मौतें
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल आंधी और बिजली गिरने के कारण सबसे अधिक 415 मौतें बिहार में हुई है। इसके अलावा ओडिशा में 168, झारखंड में 122, मध्य प्रदेश में 116, उत्तर प्रदेश में 81, राजस्थान में 78, छत्तीसगढ़ में 71, महाराष्ट्र में 64, असम में 58 और अन्य मौतें दूसरे राज्यों में हुई है। कुल मिलाकर पिछले साल बिहार 418, असम 257, उत्तर प्रदेश 201 और महाराष्ट्र 194 मौतों के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य रहे थे।
पिछले साल 0.51 डिग्री अधिक रहा औसत तापमान
रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने पिछले साल 1981-2010 की तुलना में 0.51 डिग्री सेल्सियस अधिक औसत वार्षिक तापमान दर्ज किया गया था। हालांकि, पिछले वर्ष की जनवरी-फरवरी में सर्दियों के दौरान औसत तापमान सामान्य था, लेकिन बाकी के 10 महीनों में मौसमों के अलग-अलग प्रभाव के दौरान यह सामान्य से ऊपर रहा। इसी तरह मार्च और अप्रैल में एक सप्ताह तक तापमान सामान्य से 3 डिग्री से 8 डिग्री सेल्सियस तक अधिक रहा था।
29 अप्रैल तक 70 प्रतिशत भारत लू की चपेट में रहा
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पिछले साल देश के कई हिस्सों में तापमान के कुछ सर्वकालिक रिकॉर्ड टूट गए थे। यही कारण था कि 29 अप्रैल, 2022 तक भारत का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा लू की चपेट में रहा था।
2022 रहा पांचवां सबसे गर्म साल
देश में पिछले साल 10 महीनों में तापमान औसत से अधिक रहा। ऐसे में यह साल 1901 के बाद पांचवां सबसे गर्म साल रहा है। विश्व स्तर पर भी 2022 संभवतः रिकॉर्ड पर पांचवां या छठा सबसे गर्म साल रहा था। विश्व मौसम विज्ञान विभाग (WMO) की ओर से अप्रैल में जारी अपनी अंतिम 'स्टेट ऑफ द ग्लोबल क्लाइमेट' रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया था। इससे स्पष्ट है कि जलवायु परिवर्तन के परिणाम तेजी से सामने आ रहे हैं।