दुनिया में प्रत्येक 130 महिलाओं में से एक आधुनिक गुलामी की शिकार- UN रिपोर्ट
क्या है खबर?
पूरी दुनिया का बड़ी तेजी से अधुनीकीकरण हो रहा है और लोगों के जीवन में भी तेजी से बदलाव आ रहा है। इसके बाद भी एक चीज नहीं बदल रही है और वह है गुलामी या दासता।
संयुक्त राष्ट (UN) की ओर से तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में पूरी दुनिया में आधुनिक दासता के शिकार कुल लोगों में से 71 प्रतिशत यानी करीब 2.90 करोड़ महिलाएं हैं। यह आंकड़ा ऑस्ट्रेलिया के आबादी से भी अधिक है।
स्थिति
प्रत्येक 130 महिलाओं में से एक है आधुनिक गुलामी की शिकार
UN की ओर से 'स्टैग्ड ऑड्स' शीर्षक से तैयार रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में प्रत्येक 130 महिलाओं में से एक आधुनिक दासता की शिकार है।
आधुनिका दासता में जबरन मजदूरी, जबरन विवाह, कर्ज देकर बंधक बनाना और घरेलू दासता आदि शामिल है।
रिपोर्ट के अनुसार लोग वर्तमान में विकसित समाज को महिलाओं के लिए सबसे अधिक अच्छा मानते हैं, लेकिन हकीकत में मानव इतिहास में किसी अन्य समय की तुलना में आज गुलामी में रहने वाले अधिक लोग हैं।
डाटा
दुनिया में महिलाओं के खिलाफ बढ़े हैं अपराध
इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यौन उत्पीड़न के सभी पीड़ितों में 99 प्रतिशत महिलाएं हैं। इसी तरह जबरदस्ती विवाह के कुल पीड़ितों में 84 प्रतिशत और जबरन मजदूरी के सभी पीड़ितों में 58 प्रतिशत महिलाएं हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आधुनिक गुलामी का चेहरा समय के साथ मौलिक रूप से बदल गया है।
इसी तरह ज्यादातर देशों में बालिकाओं की स्कूल और चिकित्सा देखभाल तक भी कम पहुंच है, जो महिला दासता का बड़ा सबूत है।
बयान
विश्व के चार क्षेत्रों में हालत सबसे ज्यादा खराब
रिपोर्ट तैयार करने वाली संस्था वॉक फ्री एंटी-स्लेवरी ऑर्गनाइजेशन के सह-संस्थापक ग्रेस फॉरेस्ट ने कहा कि दुनिया के पांच में से चार क्षेत्रों में आधुनिक गुलामी के शिकार के रूप में महिलाएं बहुत आगे हैं।
उन्होंने कहा कि एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 73 प्रतिशत, अफ्रीका में 71 प्रतिशत, यूरोप और मध्य एशिया में 67 प्रतिशत और अमेरिका में 63 प्रतिशत महिलाएं आधुनिक दासता की शिकार है। इसी तरह अरब देशों में 40 प्रतिशत महिलाएं गुलामी में जी रही है।
जानकारी
यह है आधुनिक दासता की परिभाषा
ग्रेस फॉरेस्ट ने कहा कि जहां एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति का आर्थिक या स्वंय के लाभ के लिए शोषण करता हो और किसी की स्वतंत्रता को चरणबद्ध तरीके से खत्म करता हो। इसे वॉक फ्री एंटी-स्लेवरी ऑर्गनाइजेशन ने आधुनिक दासता की परिभाषा माना है।
मांग
136 देशों में बाल और जबरन विवाह को अपराध घोषित करने की मांग
फॉरेस्ट ने कहा कि वॉक फ्री और UN की प्रत्येक महिला और बाल कार्यक्रम आधुनिक दासता को खत्म करने के लिए कार्रवाई की मांग करने के लिए एक वैश्विक अभियान शुरू कर रहा है।
इस कार्यक्रम के जरिए बाल विवाह और जबरन विवाह को खत्म करने करने की मांग की जाएगी।
दुनिया में अब भी 136 देशों में बाल विवाह अपराध नहीं है। इसी तरह बहुराष्ट्रीय कंपनियों से भी बंधुआ मंजदूरी और शोषण को बंद करने की अपील की जाएगी।
सुझाव
आधुनिक गुलामी को खत्म करके ही लाई जा सकती है लैंगिक समानता
फॉरेस्ट ने कहा कि सरकारों को उन कानून और नीतियों को सख्त बनाना चाहिए, जिनमें महिलाओं और उनके अधिकारों की रक्षा हो और यौन हिंसा और शोषण से बचाव किया जाए।
इसी तरह सरकारों को अपने जेंडर विकास के कार्यकर्मों और बटज में आधुनिका दासता के जोखिम को ध्यान में रखते हुए कदम उठाने चाहिए।
सरकारें आधुनिक गुलामी को पूरी तरह से खत्म करके ही अपने लैंगिक समानता के सपने को सही अर्थ में पूरा कर पाएंगी।