कश्मीर में सिनेमाघर खुलने में 30 साल क्यों लग गए, कैसा है इतिहास?
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में कश्मीर के पहले मल्टीप्लेक्स का उद्घाटन किया। घाटी के लोगों के लिए यह ऐतिहासिक दिन है। कश्मीर के लोगों ने करीब तीन दशकों से सिनेमाघर नहीं देखा है जबकि देश का पहला मल्टीप्लेक्स नई दिल्ली में 1997 में शुरू कर दिया गया था। आखिर कश्मीर को अपना पहला मल्टीप्लेक्स मिलने में इतना वक्त क्यों लगा? आइए, नजर डालते हैं कश्मीर में सिनेमाघरों के इतिहास पर।
पहला सिनेमाघर जो बन गया राजनीतिक पार्टी का मुख्यालय
श्रीनगर में लाल चौक पर 1932 में पहला सिनेमाघर 'कश्मीर टॉकीज' खोला गया था। बाद में इसका नाम प्लेडियम कर दिया गया। फर्स्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक 1947 में प्लेडियम को शेख अब्दुल्ला की नेतृत्व वाली पार्टी कश्मीरी नैशनलिस्ट पार्टी का मुख्यालय बना दिया गया। 1948 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने प्लेडियम से श्रीनगर को संबोधित किया था। वर्तमान समय में प्लेडियम की इमारत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के अधीन है।
कैसे बंद हुए कश्मीर के सिनेमाघर?
प्लेडियम के बाद श्रीनगर में कुछ अन्य सिनेमाघर भी खोले गए। हालांकि, ये सिनेमाघर 80 और 90 के दशक में कश्मीर में बढ़े उग्रवाद और आतंकवाद की भेंट चढ़ गए। 1989 में उग्रवादी संगठन अल्लाह टाइगर्स ने कश्मीरी अखबारों के माध्यम से क्षेत्र के सभी सिनेमाघर और बार को बंद करने की चेतावनी दी। अन्य आतंकी संगठनों ने भी सिनेमा को गैर-इस्लामिक बताया और कई सिनेमाघरों में आग लगा दिया। दिसंबर 1989 तक कश्मीर में सभी सिनेमाघर बंद हो गए।
कभी आबाद रहे ये सिनेमाघर, अब किस हाल में हैं?
80 के दशक में कश्मीर में करीब 15 सिनेमाघर थे। इनमें ब्रॉडवे, रीगल, नीलम, नाज, खय्याम और शीराज प्रमुख नाम हैं। इनमें से कुछ इमारतों को धूमिल कर दिया गया जबकि कुछ आज भी जर्जर हालत में खड़ी हैं। Arre के एक लेख 'द साइलेंट सिनेमास ऑफ कश्मीर' के मुताबिक लोकप्रिय सिनेमाघर फिरदौस, जो 'शोले' की स्क्रीनिंग के लिए जाना जाता है, आज के समय में कंटीले तार और बंकरों से घिरा हुआ है।
नाकाम रही सिनेमाघरों को दोबारा चालू करने की कोशिश
1999 में फारुख अब्दुल्ला की सरकार ने कश्मीर में सिनेमाघरों को दोबारा शुरू करने की कोशिश की। सरकार ने रीगल, ब्रॉडवे और नीलम को फिल्में दिखाने की अनुमति दी। रीगल के पहले शो में आतंकवादियों ने हमला कर दिया जिसमें एक शख्स की मौत हो गई और कई लोग घायल हो गए। इसके बाद सिनेमाघर फिर से बंद हो गए। 2017 में सऊदी अरब ने सिनेमाघरों से प्रतिबंध हटाया तो तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इस ओर पहल की।
आखिरकार घाटी में लौटी सिनेमा की रौनक
2018 में महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर में नए सिनेमाघर बनाने की अनुमति दी। इसके बाद ब्रॉडवे सिनेमा के मालिक रहे धर परिवार ने युवाओं के लिए यहां मल्टीप्लेक्स बनाने की योजना बनाई। आइनॉक्स मल्टीप्लेक्स चेन के तहत संचालित इस सिनेमाघर का मंगलवार को उद्घाटन कर दिया गया। एक दिन पहले ही मनोज सिन्हा ने शोपियां और पुलवामा में भी मल्टीपरपज सिनेमाहॉल का उद्घाटन किया था। सिन्हा ने कहा है कि कश्मीर के हर जिले में सिनेमाघर खोले जाएंगे।
चार साल में तैयार हुआ कश्मीर का पहला मल्टीप्लेक्स
इस मल्टीप्लेक्स के मालिक विकास धर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि इस योजना के लिए उनके पूरे परिवार ने मंथन किया था। धर ने कहा, "हमें लगा कि कश्मीर का सिनेमा से पुराना नाता है और हमें इसे घाटी में वापस लाना चाहिए। इसका मुख्य उद्देश्य बिजनेस नहीं, युवाओं को मनोरंजन का साधन उपलब्ध कराना है। इसका ख्याल आने से लेकर आज के दिन तक पहुंचने में हमें करीब चार साल लग गए।"