कश्मीर: बीमार बच्ची को इलाज मुहैया कराने के लिए सेना ने रोका तलाशी अभियान
क्या है खबर?
कश्मीर में सेना ने आतंकियों की तलाशी के लिए चलाए गए अभियान को रोककर एक बीमार बच्ची को तुरंत इलाज मुहैया कराया।
यह घटना 6 मार्च की है, जब सेना को अनंतनाग जिले के करालखोद गांव में आंतकियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिली।
इसके बाद सेना ने गांव को चारों तरफ से घेरकर तलाशी अभियान शुरू कर दिया। इसी दौरान सेना को गांव की एक 11 वर्षीय बच्ची के गंभीर रूप से बीमार होने की सूचना मिली।
मामला
सेना ने अभियान रोककर बच्ची को दिया इलाज
बच्ची की सेहत खराब होने की सूचना मिलते ही सेना ने तुरंत तलाशी अभियान बंद कर दिया और कड़ी सुरक्षा के बीच डॉक्टर को बच्ची के इलाज के लिए भेजा।
राष्ट्रीय राइफल्स के साथ जुड़ीं मेडिकल ऑफिसर कैप्टन संजना शर्मा ने बताया कि बच्ची फर्श पर लेटी हुई थी। उसका जबड़ा जकड़ा हुआ था और पल्स रेट बहुत ज्यादा थी। यह दौरे के लक्षण लग रहे थे।
प्राथमिक उपचार के बाद उसके परिजन उसे अस्पताल लेकर गए।
बयान
बच्ची को पड़ा था मिर्गी का दौरा- कैप्टन शर्मा
कैप्टन शर्मा ने बताया, "मैंने बच्ची की सेहत देखी। उसकी पल्स रेट बहुत ज्यादा थी। उसे मिर्गी का दौरा पड़ा था। हमारा ध्यान उसकी सेहत को स्थिर करने पर था। इसके बाद उसके परिजनों को उसे जिला अस्पताल ले जाने को कह दिया गया।"
जानकारी
तलाशी अभियान वाली जगह था बच्ची का घर
उस दिन के घटनाक्रम को याद करते हुए अधिकारियों ने बताया कि गांव के सभी पुरुष पहचान के लिए लाइन खड़े थे। इसी दौरान दो लोगों ने आकर राष्ट्रीय राइफल्स के अधिकारियों को बताया कि बच्ची की हालत बहुत गंभीर बनी हुई है और उसका घर उस इलाके में आता है, जहां तलाशी अभियान चल रहा है।
इसके बाद कमांडिंग ऑफिसर कर्नल कपिल मोहन सहगल ने तलाशी अभियान को बंद किया और कैप्टन शर्मा को उसके इलाज के लिए भेजा।
बयान
मासूमों की जान बचाना सेना की प्राथमिकता- कर्नल सहगल
बाद में कर्नल सहगल ने बताया कि सेना की मदद से एक मासूम की जिंदगी बच गई। सेना आतंकवाद से लड़ती है, लेकिन मासूमों की जान बचाना सेना की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
उनकी बात से दक्षिण और मध्य कश्मीर में सुरक्षा स्थिति पर नजर रखने वाली विक्टर फोर्स के जनरल ऑफिसर इन कमांड मेजर जनरल राशीम बाली भी इत्तेफाक रखते हैं। वो कहते हैं कि मासूम लोगों की जान बचाने में इंतजार नहीं किया जा सकता।
बयान
ग्रामीणों का इलाज करना आम बात- कैप्टन शर्मा
पटिलाया की रहने वाली कैप्टन शर्मा बताती हैं कि सेना के डॉक्टरों के लिए अब आम बात हो गई है। सेना के डॉक्टर हर समय ग्रामीणों के लिए तैयार रहते हैं।
वो बताती हैं कि सर्दियों के समय में उनके पास सबसे ज्यादा आग से जलने वाले लोगों को मामले आते हैं। कंगड़ी (सर्दी से बचाव के लिए एक तरह का अलाव) की वजह से जलने की कई घटनाएं होती हैं।