'पठान' रिव्यू: शाहरुख खान की वापसी का जश्न है फिल्म, एक्शन के ओवरडोज ने बिगाड़ा खेल
क्या है खबर?
शाहरुख खान के प्रशंसकों का इंतजार आखिकार खत्म हो चुका है। उनकी चर्चित फिल्म 'पठान' सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है।
विवादों में घिरी 'पठान' को लेकर एक तरफ जहां प्रशंसक उनके कमबैक को लेकर बेहद उत्साहित थे, वहीं फिल्म का ट्रेलर देखने के बाद कई दर्शक निराश भी थे।
इस फिल्म के साथ ही यशराज फिल्म्स के स्पाई यूनिवर्स की भी चर्चा थी।
आइए, बताते हैं यह बहुप्रतिक्षित फिल्म उम्मीदों पर कितना खरी उतरी है।
कहानी
एक पूर्व रॉ एजेंट के बदले की कहानी है 'पठान'
फिल्म की कहानी काफी बिखरी हुई है। इसके केंद्र में पठान (शाहरुख) और जिम (जॉन अब्राहम) का किरदार है।
जिम एक पूर्व रॉ एजेंट है जिसके पकड़े जाने पर भारत सरकार और खूफिया विभाग उसे बचाने का प्रयास नहीं करता है। इस बात से आहत जिम को देशभक्ति की भावना से चिढ़ हो जाती है और वह एक दहशतगर्द बन जाता है।
वह खुद को बिजनेसमैन कहता है और कॉन्ट्रैक्ट पर हमले करता है।
प्लॉट
भारतीय जासूस, पूर्व रॉ एजेंट और पूर्व ISI एजेंट का ट्रायंगल है फिल्म
जिम एक भारतीय वैज्ञानिक का अपहरण करके उससे एक जानलेवा वायरस बनवाता है। पाकिस्तान के इशारे पर वह इससे भारत पर हमला करने वाला है।
जिम की टीम में पूर्व ISI एजेंट रुबीना (दीपिका पादुकोण) भी है। हालांकि, रुबीना का अपना एक अलग मकसद है जिसके लिए वह कभी पठान का तो कभी जिम का इस्तेमाल करती है।
आखिर में रुबीना किसका साथ देगी और क्या वायरस रोकने में पठान कामयाब होगा, इसके लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।
अभिनय
शाहरुख की वापसी का जश्न है 'पठान'
फिल्म शाहरुख की वापसी का जश्न मनाती है। उनका होना ही काफी है। एक्शन, कॉमेडी और देशभक्ति, शाहरुख सबकुछ अपने हावभाव से ही आपके सामने रख देते हैं।
दीपिका ने ग्लैमर और एक्शन को एकसाथ संभालने का मुश्किल काम सहजता से किया है।
जॉन एक्शन में तगड़े हैं, लेकिन एक्सप्रेशन ढीले रह गए।
आशुतोष राणा की डायलॉग डेलिवरी का कोई तोड़ नहीं है।
डिंपल कपाड़िया के दृश्य लेखन में कमजोर थे, उन्होंने इसकी भरपाई अपने अभिनय से कर दी।
निर्देशन
अव्यवस्थित परोस दी गई कहानी
फिल्म की शुरुआत होती है कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने से। इससे तिलमिला कर ही पाकिस्तान जिम को भारत पर हमले की सुपारी देता है।
कश्मीर से शुरू हुई फिल्म अफगानिस्तान, रूस, स्पेन की कई घटनाओं से होते हुए आखिर में स्मॉलपॉक्स के एक वायरस पर पहुंच जाती है।
फिल्म में पीछे की कई कहानियां हैं जो भ्रमित करतीं हैं।
कभी रुबीना की कहानी, कभी पठान की, कभी जिम की, सब अव्यवस्थित तरीके से सामने रख दी गई हैं।
कमी
दिलचस्प किरदार होने के बाद भी सस्पेंस बनाने में चूक गई फिल्म
एक भारतीय जासूस, एक पूर्व रॉ एजेंट और एक पूर्व ISI एजेंट के बाद भी फिल्म में कहीं भी कोई ऐसा रोमांच नहीं आता जहां रोंगटे खड़े हों।
उलटा कई जगह यह कोई कॉमिक बुक की कहानी लगती है।
उदाहरण के लिए, एक सीक्वेंस में पठान और रुबीना रूस की एक हाई सिक्यॉरिटी इमारत से कुछ चुराने जाते हैं। ऐसी इमारत जिसकी सिक्यॉरिटी तोड़ना लगभग नामुमकिन है, उसके ऊपर रुबीना और पठान हेलिकॉप्टर से लटककर पहुंच जाते हैं।
विजुअल और बैकग्राउंड स्कोर
बेहतरीन विजुअल ट्रीट है फिल्म
फिल्म के विजुअल्स बेहतरीन हैं। फिल्म में कई शानदार एक्शन सीक्वेंस हैं। इन एक्शन को सपोर्ट करता हुआ फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक भी आकर्षक है।
फिल्म में दुबई, रूस, स्पेन जैसे लोकेशन पर शानदार दृश्य फिल्माए गए हैं।
कई जगह शाहरुख और जॉन के एक्शन बचकाने भी लगते हैं, लेकिन वे मनोरंजक हैं। खास बात यह है कि दीपिका के हिस्से भी भरपूर एक्शन दृश्य आए हैं।
इन एक्शन सीक्वेंस में दर्शक खो जाते हैं।
एक्शन
एक्शन का हो गया ओवरडोज
फिल्म के एक्शन सीन भले ही शानदार हैं, लेकिन इनके ओवरडोज के कारण ही फिल्म ट्रैक से उतर जाती है।
कहानी में कुछ भी नया हो, एक 3-4 मिनट का एक्शन सीक्वेंस आ जाता है।
हेलिकॉप्टर में, ट्रेन में, पानी में, जेल में, बर्फ पर, बाइक पर, हवा में... YRF ने एक्शन फिल्माने का हर विकल्प इसमें भर दिया।
एक्शन के कारण फिल्म इमोशन में चूक गई, जबकि निर्देशक के पास कई जगह देशभक्ति से रोमांचित करने की गुंजाइश थी।
जानकारी
देशभक्ति ने नहीं किया भावुक
स्क्रिप्ट में कई जगह निर्देशक के पास देशभक्ति की भावना से दर्शकों को भावुक और रोमांचित करने का अवसर था, लेकिन ऐसे मौके या तो भारी-भरकम डायलॉगबाजी में निकल गए या फिर हाथापाई में।
टाइगर
सलमान खान की एंट्री ने किया उत्साहित
सलमान खान की एंट्री आपको उत्साहित कर देती है।
सलमान फिल्म में 'टाइगर' बनकर 'पठान' को बचाने आते हैं।
5-7 मिनट स्क्रीन पर सलमान और शाहरुख दुश्मनों से भिड़ते नजर आते हैं। ये एक्शन सीन एक चलती ट्रेन के ऊपर चलता है जो दर्शकों को रोमांचित करता है।
जाते-जाते सलमान कह जाते हैं वह एक मिशन पर निकल रहे हैं, जहां उन्हें पठान की जरूरत पड़ेगी।
इससे साफ है 'टाइगर 3' में शाहरुख का कैमियो देखने को मिलेगा।
जानकारी
YRF की स्पाई यूनिवर्स की रखी नींव
'पठान' में टाइगर की एंट्री के अलावा 'वॉर' के किरदार कबीर का भी जिक्र होता है। फिल्म के आखिर में कर्नल लूथरा (राणा) पठान को टाइगर और कबीर के साथ मिलकर एक मजबूत टीम बनाने की जिम्मेदारी देते हैं।
निष्कर्ष
देखें या न देखें?
क्यों देखें?: शाहरुख को पर्दे पर एक्शन अवतार में कौन नहीं देखना चाहता? इसके अलावा फिल्म के शानदार विजुअल्स इसे 3D और IMAX जैसे फॉर्मैट में देखने लायक बनाते हैं।
क्यों न देखें?: बॉलीवुड मसाला फिल्में पसंद नहीं हैं, लंबे एक्शन सीक्वेंस से परहेज है या स्पाई थ्रिलर फिल्म के नाम पर गंभीर कहानी की अपेक्षा है तो आपके ढाई घंटे बर्बाद होंगे।
न्यूजबाइट्स स्टार: 2.5/5