NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    हॉलीवुड समाचार
    बॉलीवुड समाचार
    रणबीर कपूर
    लेटेस्ट वेब सीरीज
    ब्रह्मास्त्र फिल्म
    लेटेस्ट फिल्में
    NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout


    देश राजनीति दुनिया बिज़नेस खेलकूद मनोरंजन टेक्नोलॉजी करियर अजब-गजब लाइफस्टाइल ऑटो एक्सक्लूसिव विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
     
    होम / खबरें / मनोरंजन की खबरें / #NewsBytesExclusive: महामारी के दौर में मन की सेहत का ख्याल कैसे रखें? जानिए साइकोलॉजिस्ट की राय
    मनोरंजन

    #NewsBytesExclusive: महामारी के दौर में मन की सेहत का ख्याल कैसे रखें? जानिए साइकोलॉजिस्ट की राय

    #NewsBytesExclusive: महामारी के दौर में मन की सेहत का ख्याल कैसे रखें? जानिए साइकोलॉजिस्ट की राय
    लेखन नेहा शर्मा
    Oct 10, 2021, 05:41 pm 1 मिनट में पढ़ें
    #NewsBytesExclusive: महामारी के दौर में मन की सेहत का ख्याल कैसे रखें? जानिए साइकोलॉजिस्ट की राय
    क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. जया सुकुल

    10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। कोरोना महामारी से मानसिक सेहत भी बुरी तरह प्रभावित हुई है और बच्चों से लेकर नौकरीपेशा युवाओं तक को दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इसी संबंध में हमने फरीदाबाद के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर जया सुकुल से बात की, जो आपको बता रही हैं कि कोरोना काल में खुद को जहनी तौर पर सेहतमंद कैसे बनाए रखें और क्या सावधानियां बरतें।

    महामारी में बढ़े हैं डिप्रेशन के आंकड़े

    महामारी के दौरान डिप्रेशन के बढ़ते मामलों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि एक स्टडी के अनुसार महामारी शुरू होने के पांच महीनों बाद ही भारत की 43 प्रतिशत जनता में डिप्रेशन के लक्षण थे।

    कैसे पता चलेगा कि हमें मानसिक स्वास्थ्य समस्या है?

    डॉक्टर जया कहती हैं कि नींद के दौरान होने वाली कठिनाई, छोटी-छोटी बात पर डर जाना या गुस्सा करना, बिस्तर पर पड़े रहना और नहाना भी टास्क लगने जैसे लक्षणों की अनदेखी नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा धीरे-धीरे लोगों से कटना, खुद में सिर्फ बुराइयां नजर आना या फिर सिरदर्द, पेट और पीठ दर्द जैसी कुछ शारीरिक बीमारियां भी डिप्रेशन का संकेत देती हैं। हमेशा चिंता और मूड खराब रहना भी मानसिक स्वास्थ्य के गिरने का बड़ा संकेत होता है।

    बच्चों में पनप रहे मानसिक रोगों के लक्षण कैसे पकड़ें?

    डॉक्टर जया के अनुसार, स्वभाव में चिड़चिड़ापन, एकाग्रता की कमी, नींद कम आना या ज्यादा सोना, बिना किसी कारण के डरना, थकावट और सामाजिक गतिविधियों से दूरी बनाना बच्चे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने के लक्षण हैं। बच्चे का रूठना स्वभाविक होता है, लेकिन अगर बच्चे की खामोशी में असामान्य लक्षण झलक रहे हैं तो उन्हें नजरअंदाज न करें। अगर बच्चा हमेशा मायूस रहे तो उसके इस व्यवहार को भी हल्के में ना लें।

    कोरोना काल में अकेले हैं तो इन बातों पर अमल करें

    डॉक्टर जया के मुताबिक, महामारी के दौर में हल्की सर्दी-खांसी से भी दिमाग में कोरोना का खौफ सिर चढ़कर बोलने लगता है। ऐसे में अकेले रहते हुए नकारात्मक विचारों से बचने के लिए जरूरी है कि खाली ना बैठें। फोन या इंटरनेट के माध्यम से अपनों के संपर्क में रहें। संगीत मेंटल हेल्थ बूस्टर का काम करता है, इसलिए रात में अगर नींद ना आए तो संगीत सुनें। मानसिक परेशानी से बचने के लिए प्रकृति के बीच टहलें।

    पैनिक अटैक क्या है? क्या इससे बचने का कोई रास्ता है?

    डॉ जया ने हमें बताया कि पैनिक अटैक आमतौर पर उन्हें होता है जो बहुत ज्यादा चिंता करते हैं। अचानक पूरे शरीर में कंपकंपी होना, सांस लेने में तकलीफ, एक अनजाना डर, बेचैनी पैनिक अटैक के लक्षण हैं। कभी-कभी तो लगने लगता है कि जिंदगी अब खत्म होने वाली है।। इसके लिए विशेष इलाज की जरूरत होती है, इसलिए किसी अच्छे चिकित्सक से अपना मेडिकल चेकअप कराएं। जरूरत हो तो मनोचिकित्सक की मदद से घबराहट दूर करने का प्रयास करें।

    नकारात्मकता से निपटना सीखें- डॉक्टर जया

    डॉक्टर जया के मुताबिक, डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को उसके पसंदीदा कामों में व्यस्त रखना इस समस्या का स्थायी इलाज नहीं है। कई बार हमें तनाव न लेने का तरीका सीखना होता है जिसमें काउंसलर से लेकर साइकोलॉजिस्ट और सायकायट्रिस्ट हमारी मदद कर सकते हैं। डॉकटर जया यह भी कहती हैं कि नकारात्मक विचार आना स्वाभाविक है, लेकिन ध्यान रहे कि नकारात्मकता दिमाग में घर ना बना ले। इसे दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास करना जरूरी है।

    'वर्क फ्रॉम होम' करने वालों को डॉक्टर की सलाह

    कोरोना ने लोगों की बाहरी गतिविधियां कम कर दी हैं। बिस्तर पर लेटे-लेटे या एक जगह पर घंटों कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठने से तनाव बढ़ रहा है। डॉक्टर जया के मुताबिक, "वर्क फ्रॉम होम में न तो काम के लिए सही वातावरण है और ना ही समय का सही प्रबंधन। इसलिए ऑफिस से काम करते वक्त जो दिनचर्या होती है, घर में भी उसी को बनाए रखें। ब्रीदिंग एक्सरसाइज करते रहें और बीच-बीच में ब्रेक लें। नींद पूरी लें।"

    "खूबियां खोजिए, खामियां नहीं"

    डॉक्टर जया के अनुसार, डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति को कभी-कभार लग सकता है कि मानों सारी दुनिया उसके खिलाफ साजिश रच रही है। इस बारे में डॉक्टर जया आगे कहती हैं कि इस बात पर भरोसा रखिए और मानिए कि आप दुनिया की बेहतरीन रचनाओं में से एक हैं। अपनी कमियों को पहचानने में कोई बुराई नहीं, लेकिन अपने गुणों को नजरअंदाज ना करें। खुद के प्रति अपना नजरिया बदलें।

    तनाव बढ़ा सकती हैं मल्टीविटामिन की गोलियां

    डॉक्टर जया के अनुसार, कोई भी मल्टीविटामिन लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना समझदारी भरा कदम है। मल्टीविटामिन की ओवरडोज से शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं, जिससे तनाव, थकान और सिरदर्द की परेशानी बनी रहती है। बहुत से विटामिन्स कई दवाओं के साथ नहीं लिए जाते, इसलिए आपको कौन सी दवा खानी चाहिए और कौन सी नहीं, यह फैसला डॉक्टर को लेने दें। मल्टीविटामिन भोजन का विकल्प नहीं हैं। जरूरी है कि आप अपनी डाइट सही करें।

    अच्छी मानसिक सेहत के लिए जरूरी है फाइबर

    डॉकटर जया ने अच्छी मानसिक सेहत के बारे में कहा, "फाइबर युक्त चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें। फाइबर ना सिर्फ पाचन संबंधी समस्याएं दूर करता है, बल्कि यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक है।" उन्होंने आगे कहा, "पानी खूब पीएं। इससे शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं। ज्यादा देर खाली पेट ना रहें, इससे पेट से जुड़ीं समस्याएं होती हैं और साथ ही हमारी प्रतिरोधक क्षमता और तनाव झेलने की क्षमता भी कम होती है।"

    डिप्रेशन दूर करने में एंटी-डिप्रेसेंट दवाएं किस हद तक कारगर हैं?

    डॉक्टर जया की मानें तो दवा की जरूरत है या नहीं, यह आपकी मानसिक स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है। इन दवाओं का मकसद दिमाग में न्यूरोट्रांसमीटर के रासायनिक असंतुलन को ठीक करना होता है जो व्यवहार में आए बदलाव के लिए जिम्मेदार होता है। उनके अनुसार, दवाएं कारगर हैं, बशर्ते आप इन्हें कुशल चिकित्सक की सलाह से लें। मनोचिकित्सक कई मेडिकल चेकअप करने के बाद पता लगाता है कि मरीज को कौन सी दवा देनी है।

    व्यायाम जरूर करें- डॉक्टर जया

    अगर आप चिंता में डूबे रहते हैं तो व्यायाम को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें। यह चिंता या तनाव को दूर करने में सबसे कारगर है। डॉक्टर जया कहती हैं, "कसरत करने से शरीर में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और तनाव का खतरा काफी कम हो जाता है। इससे मन शांत रहता है। वॉक पर जाएं। पैदल चलने से मानसिक बीमारियां दूर रहती हैं। इससे ना सिर्फ शरीर ठीक रहता है, बल्कि दिमागी हालत भी बेहतर होती है।"

    इस खबर को शेयर करें
    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    लाइफस्टाइल
    मानसिक स्वास्थ्य

    लाइफस्टाइल

    गार्डन की कई समस्याओं को दूर कर सकता है टी बैग, ऐेसे करें इस्तेमाल गार्डनिंग टिप्स
    अपनी त्वचा के प्रकार के मुताबिक लगाएं उबटन, आसान है बनाने का तरीका त्वचा की देखभाल
    जानिए पुश अप्स से मिलने वाले फायदे और इससे जुड़ी कुछ जरुरी बातें फिटनेस टिप्स
    कपड़े पर लग जाए सूप के दाग तो इन आसान तरीकों से करें साफ घरेलू नुस्खे

    मानसिक स्वास्थ्य

    #NewsBytesExclusive: पोस्ट कोविड इफेक्ट को कितनी गंभीरता से लेने की जरूरत? जानिए विशेषज्ञ की राय लाइफस्टाइल
    महामारी में कोविड एंग्जाइटी और नींद की परेशानी बढ़ी, विशेषज्ञ से जानें इससे कैसे उबरें स्वास्थ्य
    कोरोना वायरस का भय: महामारी ने किस तरह किया लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित? रोजगार समाचार
    दीपिका पादुकोण ने मानसिक स्वास्थ्य के लिए हेल्पलाइन नंबर्स किए शेयर मुंबई

    मनोरंजन की खबरें पसंद हैं?

    नवीनतम खबरों से अपडेटेड रहें।

    Entertainment Thumbnail
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स क्रिप्टोकरेंसी भाजपा समाचार कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive कोरोना वायरस वैक्सीन ट्रैवल टिप्स यूक्रेन युद्ध मंकीपॉक्स द्रौपदी मुर्मू IPL 2023
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2023